ज्योति मल्होत्रा की रिमांड चार दिन और बढ़ी, हिसार पुलिस ने कोर्ट में रखी पाक कनेक्शन की दलील, जांच में जुटी एजेंसियां

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की पुलिस रिमांड को हिसार कोर्ट ने गुरुवार को चार दिन और बढ़ा दिया। ज्योति को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था, और गुरुवार सुबह 9:30 बजे उसे कोर्ट में पेश किया गया। करीब डेढ़ घंटे की बहस के बाद कोर्ट ने पुलिस को चार दिन की अतिरिक्त रिमांड दी। इस दौरान किसी पुलिस अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की, और ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा को भी उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई।

जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने ज्योति से तीन दिन तक पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपने-अपने तरीके से जानकारी जुटाई और रिपोर्ट तैयार की। बुधवार को कोई केंद्रीय एजेंसी पूछताछ के लिए नहीं पहुंची, जिसके बाद सिविल लाइंस थाना पुलिस ने सेंट्रल जेल में ज्योति से सवाल किए। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर निर्मला ने ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’, उसकी तीन बार की पाकिस्तान यात्राओं, और पहलगाम हमले के बाद बनाए गए वीडियो के बारे में पूछताछ की। पुलिस ने रिमांड के दौरान ज्योति की गतिविधियों की पूरी कहानी तैयार की, जिसे कोर्ट में पेश किया गया।

पुलिस का दावा है कि ज्योति 2023 से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। उसने व्हाट्सएप, टेलीग्राम, और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए संवेदनशील जानकारी साझा की। ज्योति ने पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने और भारत के खिलाफ प्रचार करने की कोशिश की। उसके मोबाइल और लैपटॉप से बरामद डेटा की फोरेंसिक जांच में कई अहम सुराग मिले हैं, जिसमें पाकिस्तानी एजेंटों के साथ संपर्क और संवेदनशील जानकारी साझा करने के सबूत शामिल हैं।

ज्योति की गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद शुरू हुई जांच का हिस्सा है, जिसमें छह अन्य संदिग्धों को भी पकड़ा गया। पुलिस को शक है कि ज्योति एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थी, जो हरियाणा, पंजाब, और ओडिशा तक फैला था। उसकी पाकिस्तान यात्राओं, बाली की ट्रिप, और बिहार के सुलतानगंज में चार बार के दौरे ने भी संदेह बढ़ाया।

ज्योति ने पूछताछ में दावा किया कि उसकी गतिविधियां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा थीं, लेकिन पुलिस का कहना है कि वह पाकिस्तानी एजेंट शाकिर उर्फ राणा शहबाज और अली अहवान के संपर्क में थी, जिन्होंने उसकी यात्राओं का खर्च उठाया और रहने की व्यवस्था की।

ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ने कहा कि उनकी बेटी बेकसूर है और पुलिस ने उसे फंसाया है। उन्होंने बताया कि उनके पास वकील नियुक्त करने के लिए पैसे नहीं हैं, और पिछले पांच दिनों से पड़ोसी व रिश्तेदारों ने उनसे दूरी बना ली है। ज्योति ने अभी तक कोई वकील नियुक्त नहीं किया है, और जांच को हिसार की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को सौंप दिया गया है।

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