पीलीभीत जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटे गांवों में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का रैकेट सक्रिय होने का खुलासा हुआ है। ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के अनुसार, हाल के समय में लगभग 3,000 सिखों को ईसाई धर्म में परिवर्तित कराया गया है। इस संबंध में 160 परिवारों की सूची जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को सौंपी गई है।

ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष और लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने शुक्रवार को पीलीभीत के गुरुद्वारा श्री सिंह सभा में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि नेपाल से आने वाले पादरी 2020 से क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे लालच, अंधविश्वास और रोग निवारण के बहाने सिखों और हिंदुओं को जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे हैं। जग्गी ने कहा कि बैल्हा, टाटरगंज, और बमनपुर भागीरथ जैसे गांवों में 20,000 से अधिक आबादी है, जहां यह गतिविधियां तेजी से चल रही हैं।
जग्गी ने बताया कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, विधायक राजेश्वर सिंह, और सांसद बृजलाल को सूचित कर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। तीन दिन पहले हजारा थाने में आठ नामजद और 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। स्थानीय सिख नेताओं ने शिक्षा की कमी और गरीबी को धर्मांतरण का प्रमुख कारण बताया और सरकार से इस दिशा में विशेष ध्यान देने की अपील की।
सिख नेताओं का दावा है कि विदेशी एजेंसियां नेपाल के रास्ते इस रैकेट को संचालित कर रही हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। कुछ सिख अब पादरी बन चुके हैं और दूसरों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे हैं।
पीड़ितों की शिकायत
मार्च में, सिंघाड़ा उर्फ टाटरगंज गांव के दो पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक को शपथपत्र देकर शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें दो लाख रुपये, आवास, शौचालय, और अन्य सरकारी योजनाओं का लालच देकर सिख से ईसाई धर्म में परिवर्तन कराया। हालांकि, उन्हें कोई सरकारी लाभ नहीं मिला। पीड़ितों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज की है, जिसमें एक महिला के मामले में अप्रत्यक्ष दबाव की बात सामने आई है। सरकारी योजनाओं के लालच से संबंधित मामला अभी उनकी जानकारी में नहीं है। पूरनपुर के एसडीएम को मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि इस मामले में एक मुकदमा दर्ज किया गया है और शिकायतों की जांच चल रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घर वापसी का प्रयास
जग्गी ने बताया कि फरवरी में बैल्हा गांव में आयोजित गुरमत समागम के दौरान 180 परिवारों ने घर वापसी कर सिख धर्म में लौटने का फैसला किया।