संभल दरगाह पर वित्तीय अनियमितताओं और ‘वक्फ भूमि’ अतिक्रमण की जांच शुरू..
संभल जिला प्रशासन ने यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है कि जिस जमीन पर स्थानीय दरगाह स्थित है, वह वक्फ की संपत्ति है या नहीं।

संभल जिला प्रशासन ने वित्तीय कुप्रबंधन और अवैध अतिक्रमण के आरोपों के बाद यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है कि जिस जमीन पर स्थानीय दरगाह स्थित है, वह वक्फ की संपत्ति है या नहीं। शिकायत के अनुसार, चंदौसी के बनियाखेड़ा विकास खंड के जनेटा ग्राम पंचायत में वक्फ की जमीन पर बनी दादा मौजमियां शाह की दरगाह पर शाहिद मियां नामक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर रखा था।
शिकायतकर्ता जावेद ने कहा कि आरोपी ने अतिक्रमित भूमि पर एक अनधिकृत चिकित्सा क्लिनिक भी चलाया हुआ था। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वक्फ की भूमि 2019 से बिना किसी “मुतवल्ली” या केयरटेकर के खाली पड़ी है, हालांकि, शाहिद कथित तौर पर “दरगाह पर आयोजित वार्षिक उर्स उत्सव से अच्छी खासी आय” कमा रहा था। चंदौसी के तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि संबंधित संपत्ति राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ भूमि के रूप में पंजीकृत नहीं है और चल रही जांच अब 2019 से धर्मस्थल से संबंधित वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित होगी।
यह शिकायत वक्फ अधिनियम लागू होने के बाद आई है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सिंह ने कहा कि उन्हें जनेटा में दरगाह के बारे में पहले भी शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा, “शाहिद मियां से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं, जिनमें से कुछ उन्होंने पहले ही जमा कर दिए हैं। इन दस्तावेजों की गहन जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। तहसीलदार ने यह भी कहा कि दरगाह की संपत्ति राजस्व अभिलेखों में वक्फ भूमि के रूप में पंजीकृत नहीं है। उन्होंने कहा, “इससे उस आधार पर सवाल उठता है जिस पर इसे वक्फ भूमि होने का दावा किया जा रहा है। यह जांच का मुख्य केंद्र होगा।