चमोली हिमस्खलन अपडेट : लापता श्रमिकों का पता लगाने के लिए सात हेलीकॉप्टर तैनात..
बद्रीनाथ-माणा में हुए हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान फिर से शुरू हो गया है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें जुटी हुई हैं।

बद्रीनाथ-माणा में हुए घातक हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान फिर से शुरू हो गया है। बचाव कार्य में डॉग स्क्वॉड, एनडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें जुटी हुई हैं। सेना के सात और एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर लगाया गया है। बचाव कार्य के दूसरे दिन 10 घायलों को ज्योतिर्मठ लाया गया। खोज और बचाव अभियान के लिए पीड़ित-स्थानक और थर्मल इमेजिंग कैमरों के साथ एसडीआरएफ की एक टीम हिमस्खलन में फंसे बाकी श्रमिकों का पता लगाने के लिए रवाना की गई है। एसडीआरएफ के पुलिस आईजी रिधम अग्रवाल ने बताया कि पीड़ित-स्थानक कैमरे (वीएलसी) और थर्मल इमेजिंग कैमरों से लैस एसडीआरएफ की एक विशेष टीम को खोज अभियान के लिए सहस्त्रधारा से हेलीकॉप्टर से घटना स्थल पर भेजा गया है।
निर्माण कंपनी ने बताया कि मौके पर आठ कंटेनर, एक कार्यालय, एक रसोई और एक बाथरूम के अलावा कुल 11 कंटेनर लगाए गए थे। साथ ही टिन शेड डोरमेट्री भी थी, जो बरकरार है। बताया गया कि डोरमेट्री कैंप में 23 लोग रह रहे थे, जबकि 32 लोग कंटेनर में थे। हिमस्खलन के दौरान ये कंटेनर बर्फ के साथ 50 मीटर नीचे खिसक गए। अब तक आठ कंटेनर बरामद किए जा चुके हैं और उनमें सवार 17 श्रमिकों को बचा लिया गया है। बचाव अभियान में सेना के पांच चीता हेलीकॉप्टर और दो निजी हेलीकॉप्टर शामिल थे। एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी बचाव में शामिल होने वाले थे, लेकिन नहीं पहुंचे। एक ही दिन में जोशीमठ से हेलीकॉप्टर से 24 घायलों को लाया गया, जिनमें से 22 को सेना के अस्पताल और एक को हेलीकॉप्टर से एम्स ले जाया गया।