भारत के चंद्रयान-3 चंद्र अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपण यान पर रखा गया, इस दिन हो सकता है लांच
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के अंतरिक्ष यान को बुधवार को उसके प्रक्षेपण यान एलएमवी3 के साथ जोड़ा गया। जानकारी के मुताबिक़ चंद्र मिशन इस महीने के अंत में लॉन्च होने वाला है।
बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर, रॉकेट एलवीएम-3 के साथ, 13 जुलाई को चंद्रमा पर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चंद्रयान-3 लैंडर को इसरो श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में हेवी लॉन्च रॉकेट पर जोड़ा गया है। हिंदुस्थान समाचार की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर जैसा ही नाम देने का फैसला किया गया है। चंद्रयान-2 के बाद चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की क्षमता का परीक्षण करने के लिए यह मिशन भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 का मिशन आखिरी चरण में फेल हो गया था। इसका लैंडर पृथ्वी की सतह से टकराया, जिसके बाद इसका पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया। उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए चंद्रयान-3 भेजा जा रहा है। ऐसे में चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर उससे बाहर निकलेगा और सतह के चारों ओर चक्कर लगाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर लैंडर का नाम विक्रम रखा जाएगा और रोवर का नाम प्रज्ञान रखा जाएगा। चंद्रयान-2 के लैंडर और रोवर को भी यही नाम दिए गए थे। इसरो अधिकारियों के मुताबिक, असफल चंद्रयान-2 मिशन के बाद अगला प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। यह दिखने में चंद्रयान-2 जैसा ही होगा, लेकिन चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग कराने पर है।
नए उपकरण बनाए गए हैं और मिशन की सफलता के लिए एल्गोरिदम में सुधार किया गया है। चंद्रयान-2 मिशन जिस वजह से फेल हुआ, उस पर इस प्रोजेक्ट पर फोकस किया गया है।
चंद्रयान-2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की घोषणा की गई है। चंद्रयान-3 मिशन को जुलाई में श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि यह भाग पृथ्वी के सामने नहीं आता है। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से बना है, जिसका कुल वजन 3,900 किलोग्राम है। अकेले प्रोपल्शन मॉड्यूल का वजन 2,148 किलोग्राम है, जो लैंडर और रोवर को 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा में ले जाएगा।