रोंगटे खड़े कर देगी इस सीरियल किलर की कहानी, दिन में सिलता था कपड़े, रात में करता था कत्ल

(दिव्यांशु सिंह यादव)

खूनी खेल को अंजाम देने वाले मध्य प्रदेश के भोपाल के सीरियल किलर आदेश खामरा के आपराधिक कारनामे सुनकर अब भी लोग सहम जाते हैं। उसने 33 हत्याओं की बात कबूल कीं। एक दर्जी कैसे शातिर कातिल बन गया, इसका पता उसके परिवार को भी नहीं चला। दिन में कपड़े सिलता और रात के अंधेरे में खून बहाने वाला यह दर्जी सलाखों के पीछे है। पुलिस ने सीरियल किलर और उसके गैंग को गिरफ्तार किया था। इस शातिर कातिल को हत्याओं को लेकर उसे कोई पछतावा नहीं है।

दरअसल, करीब एक दशक पहले जब महाराष्ट्र के अमरावती और नासिक के बाद मध्य प्रदेश में ट्रक ड्राइवर व हेल्परों की हत्या के मामले बढ़ने लगे, तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तीन राज्यों के बाद यूपी और बिहार में भी कई ट्रक ड्राइवरों के शव बरामद किए गए। सभी राज्यों की पुलिस जब जांच में जुटी तो उन्हें इन सभी हत्याओं में कत्ल का एक समान पैटर्न नजर आया।

पुलिस की टीमों को जांच में पता चला कि मुख्य तौर पर हत्याएं ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों की हो रही थी। हत्या की इन घटनाओं में कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस भोपाल के मंडीदीप के आदेश खामरा नाम के दर्जी तक पहुंची। पहले तो उसने हत्याओं के बारे में कुछ नहीं बोला, लेकिन बाद में ऐसे खुलासे किए कि पुलिस वाले भी सभी दंग रह गए। उसने अपने गैंग की मदद से 6 राज्यों में नौ साल के दौरान 33 कत्ल किए।

पुलिस के मुताबिक 2018 में रायसेन का माखन सिंह ट्रक में सरिया लादकर निकला था, लेकिन उसे आदेश खामरा गैंग ने शिकार बना लिया और ट्रक भोपाल के पास लावारिस हालत में मिला. माखन सिंह हत्याकांड की जांच में पुलिस ने खामरा के साथी जयकरण को दबोच लिया गया और फिर मामले में आदेश सहित ताबड़तोड़ 9 गिरफ्तारियां हुई। आदेश खामरा को साथियों की निशानदेही पर सुल्तानपुर के जंगलों से महिला एसपी बिट्टू शर्मा ने दबोचा था. एसपी शर्मा ने जब आदेश को पकड़ा तो उन्हें यह नहीं पता था कि देश का सबसे भयानक सीरियल किलर उनके कब्जे में है।

पुलिस के मुताबिक आदेश को सभी वारदातें बतौर तारीख याद थी और उसने कहा था कि हत्याओं को लेकर उसे कोई पछतावा नहीं है। पूछताछ में दर्जी आदेश खामरा ने बताया कि उसने 33 लोगों की हत्या की है। भोपाल पुलिस के मुताबिक, आदेश ने गैंग के साथ मिलकर 6 राज्यों में 33 हत्याओं को नौ साल में अंजाम दिया था। वो और उसके साथी ट्रक ड्राइवरों और हेल्परों से पहले किसी ढाबे पर मिलकर दोस्ती करते थे, फिर उनकी हत्या कर लूट लेते थे। साथ ही हत्या के बाद ट्रक का सामान भी ले जाकर बाजार में बेच देते थे।

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