भूकंप के झटके से सुबह-सुबह कांपी तमिलनाडु की धरती, जानिए और कहां आया भूकंप
भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा के बारे में पहले से कुछ पता नहीं होता। ऐसी प्राकृतिक आपदा के वक्त एकदम समझ नहीं आता कि क्या किया जाए। कुछ दिन पहले ऐसा ही बांग्लादेश के चटगांव में भूकंप के तेज झटके महसूस करे गए थे। इसके अलावा भी कई स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस करे गए। इसी तरह से आज सुबह तमिलनाडु की धरती भूकंप के झटके से कांप उठी थी।
तमिलनाडु के वेल्लोर में आज सुबह लगभग 4:17 बजे 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप से किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, जिस वक्त भूकंप आया उस वक्त लोग घरों में सो रहे थे, जिसकी वजह से लोगों को भी भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए।
वहीं, रविवार की रात उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के निकट रिक्टर पैमाने पर 2.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 95 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में था। भूकंप भारतीय समयानुसार 11:32 PM बजे सतह से 5 किलोमीटर की गहराई में आया था।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में भूंकप के झटके महसूस किए गए। अचानक आए भूकंप के बाद लोग दहशत में आ गए हैं। इसका केंद्र शिमला से 45 किलोमीटर दूर मंडी में बताया जा रहा है। जबकि भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है। हालांकि इस दौरान किसी भी तरह के जानमाल की हानि की कोई खबर नहीं है। वहीं, भूकंप के झटके महसूस होने के बाद प्रशासन और पुलिस महकमा अलर्ट हो गया है।
उत्तरी पेरू में आया 7.5 की तीव्रता का भूकंप-
उत्तरी पेरू में रविवार की सुबह 7.5 तीव्रता का भूकंप का झटके महसूस किये गये। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने यह जानकारी दी. स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह पांच बजकर 52 मिनट पर भूकंप का तेज झटका आया था। भूकंप की तीव्रता काफी तेज थी हालांकि, इसकी गहराई करीब 112 किलोमीटर होने के कारण अधिक नुकसान की आशंका नहीं है। भूकंप का केंद्र पेरू के तटीय शहर बैरंका से 42 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पश्चिम में था।
बांग्लादेश के चटगांव में 6.3 की तीव्रता का भूकंप-
बांग्लादेश के चटगांव में भूकंप के तेज झटके शुक्रवार को महसूस करे गए थे। चटगांव में 175 किमी पूर्व भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई थी। यूरोपीय-भूमध्य भूकंप केंद्र (ईएमएससी) के अनुसार यह भारत-म्यांमार बार्डर का क्षेत्र पड़ता है। इसके झटके पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम में दूर तक महसूस किए गए थे।