जल शक्ति को बचाने के लिए आगे आई नारी शक्ति

रिपोर्ट राकेश पंत

कोटद्वार : जल ही जीवन है जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना भी नहीं की जा सकती या यूं कहें कि पृथ्वी पर सभी सजीवों के जीने का आधार जल ही है। इसके बावजूद भी हम बेवजह जल को बर्बाद कर देते हैं। इसी बर्बादी के कारण आज पूरे विश्व में जल का संकट मंडरा रहा है|

जल शक्ति को बचाने के लिए आगे आई नारी शक्ति

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही हो सकता है| अगर आवश्यकता है तो जन जागरूकता और जन सहभागिता की|

कुछ ऐसा ही जल संरक्षण के लिए जन सहभागिता का उदाहरण पौड़ी जिले की विधानसभा क्षेत्र चौबटाखाल के गडोली गांव की महिलाओं, पुरुषों और बच्चों बुजुर्गों में देखने को मिल रहा है|

इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर अब वेलनेस समिट

जहां सब अपनी सहभागिता निश्चित कर प्रधानमंत्री मोदी के उस सपने को साकार करने की एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा था कि जल बचेगा तो जीवन बचेगा। अगर भविष्य में  जल संकट से बचना है तो  सबको जल संरक्षण करना ही होगा।

यहां ग्रामीण अपने गांव के निकट एक विशाल तालाब (जिसे स्थानीय भाषा में खाल कहा जाता है ) का निर्माण कर रहे हैं जिसमें स्थानीय ट्रस्ट फील गुड भी इन ग्रामीणों के साथ मिलकर अपनी भागिता निश्चित कर रहा है।

जल शक्ति को बचाने के लिए आगे आई नारी शक्ति

वही ग्राम गडोली  की 65 वर्षीय रामेश्वरी देवी का कहना है कि उनके इस खाल अर्थात (तालाब) के निर्माण से जो पानी के स्रोत सूख चुके हैं उन में पानी आ सकता है|

आसपास के क्षेत्रों में जो आग लगती है उसे भी काफी राहत मिल जाएगी यहां सब लोग अपना घर का पूरा काम करने के बाद सामूहिक रूप से कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं…

वजन कम करने के लिए आज से ही करें ऐसा, शायद ही पता होगा ये उपाय

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि  इस प्रकार की खाले बनने का सबसे बड़ा लाभ जो पानी के स्रोत सूख चुके हैं उन का रिचार्ज होने से मिलेगा आसपास नमी बनी रहेगी जो सभी के लिए लाभदायक होगा

LIVE TV