#अलविदा 2017: इस साल पीएम मोदी ने किया इन देशों का दौरा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीनई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे को लेकर विपक्ष शुरू से तंज कसता रहा है। लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि आखिर पीएम के इन विदेशी दौरों भारत को क्या हासिल हुआ है।

दरअसल, मोदी ने पीएम बनने का बाद से ही विदेश नीतियों में बदलाव करने शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में मोदी ने हर साल विदेश दौरे करने शुरू किए।  इस साल भी पीएम मोदी ने कई विदेश दौरे किए।

पीएम बनने के बाद मोदी ने विदेश नीतियों में बदलाव करते हुए विदेश यात्राओं पर जाना शुरू किया। मोदी विश्वभर के बड़े उद्योगपतियों को भारत में अपना व्यापार करने के लिए न्यौता देते हैं। जिससे की देश में नए रोजगार पैदा किए जा सके।

मोदी की विदेश यात्रा को लेकर विपक्ष से लेकर आम लोगों तक सवाल उठाते रहे, लेकिन मोदी ने सबको नजरअंदाज करते हुए देश की ताकत बढ़ाने के लिए विश्वभर में यात्रा की।

पीएम मोदी के विदेश नीति का ही असर है कि चीन जैसा ताकतवर देश को दोकलाम से पीछे हटना पड़ा। आइये एक नजर डालते है पीएम मोदी की इस साल की विदेश यात्राओं पर।

श्रीलंका- इस साल विदेश यात्रा की शुरुआत श्रीलंका से की। 10 से लेकर 12 मई तक मोदी श्रीलंका यात्रा पर रहे। श्रीलंका की उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का एक प्रतीक है और यह बौद्ध धर्म की साझा विरासत को सामने लाई।

कजाकिस्तान दौरा- पीएम मोदी ने कजाकिस्तान में भारत शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में दिस्सा लिया। शंघाई सहयोग संगठन में शामिल देशों के नेता दुनिया की आधी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बैठक का दिस्सा भारत को इसलिए बनाया गया क्योंकि मोदी के प्रधानमंत्रई बनने के बाद भारत दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई एक सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरा है।

जर्मनी, रुस, स्पेन और फ्रांस का दौरा- इसके बाद मोदी 29 मई से लेकर 3 जूव तक चार देशों की यात्रा पर रहे। इन चारों देशों में जाने के पीछे मोदी का एक ही मक्सद थी कि वो द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत कर सके।

अमेरिका, पुर्तगाल और नीदरलैंड दौरा- पीएम मोदी का ये दौरे  भारत-अमेरिकी संबंधों को लेकर बेहद अहम था। पहली बार मोदी और डॉनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान मोदी और ट्रंप ने साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजूट होकर लड़ने का फैसला किया। साथ ही ट्रंप ने समुद्री व्यापार तथा सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति जताई है।

इज़राइल दौरा- इसके बाद मोदी 4 से 8 जुलाई तक  इज़राइल और जर्मनी के दौरे पर रहे।  70 साल में पहली बार कोई भारतीय पीएम यरुशलम गया था। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और इजरायल अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए।

पुर्तगाल- इस दौरे के दौरान मोदी ने 33 कार्यक्रमों और मीटिंग में हिस्सा लिया। पुर्तगाल दौरे से भारत के लिए एक सौगात मिली इस के दौरान भारत-पुर्तगाल अंतर्राष्ट्रीय स्टार्ट-अप हब का उद्घाटन किया गया।

नीदरलैंड- मोदी के नीदरलैंड दौरे के बाद दोनों देशों के बीच जल समझौते को लेकर ज्ञापन सहित तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। मोदी ने इस दौरे के बाद कहा था कि नीदरलैंड आर्थिक विकास के लिए हमारी जरूरतों तथा प्राथमिकताओं का एक स्वाभाविक भागीदार है।

फिलीपींस दौरा- बीते 36 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली फिलीपींस की यात्रा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें आसियान शिखर सम्मेलन और 12वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने फिलीपींस गए थे। इस सम्मेलन में जाने के बाद से भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी के बढ़ावा मिला।

चीन और म्यांमार दौरा- पीएम मोदी चीन में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए थे। उसके बाद मोदी म्यांमार पहुंचे।  ब्रिक्स में पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को कामयाब दौरा बताया गया। इस दौरे से पहली बार पाकिस्तान के आतंकवाद संगठनों  पर अंगुली उठाई गई थी।  पीएम मोदी का म्यांमार का यह पहला द्विपक्षीय दौरा था। मोदी के इस दौरे का मकसद एक्ट ईस्ट पालिसी के तहत पूरब के इस पड़ोसी देश के साथ विभिन्न क्षेत्रों में आपसी संबंधों को बढ़ावा देना था। भारत के इस पड़ोसी देश में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए मोदी का यह दौरा काफी अहम था।

2018 में भी जारी रहेगा पीएम के दौरों का अभियान

भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने की कोशिशों के तहत 2018 में भी प्रधानमंत्री मोदी अपना अभियान जारी रखेंगे।

जनवरी में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर होंगे। साथ ही उम्मीद है कि वो फरवरी में यूएई और फिलिस्तीन की यात्रा पर जा सकते है।

2018 के दूसरे हिस्से में मोदी सालाना सम्मेलनों में शामिल होंगे। वह ब्रिक्स समिट के लिए साउथ अफ्रीका जा सकते हैं। इसके अलावा, जी-20 समिट के लिए अर्जेंटीना, इंडिया-आसियान और ईस्ट एशिया समिट्स के लिए सिंगापुर के उनके दौरे प्रस्तावित हैं।

विदेश यात्राओं पर हुआ खर्च

पीएम मोदी की इन विदेश यात्राओं पर हुए खर्च का हिसाब किताब अभी सामने नहीं आया है। इससे पहले साल 2016 में मोदी की विदेश यात्रा पर 269 करोड़ 57 लाख 5 हजार और 65 रुपए का खर्च आया था। माना जा रहा है कि मोदी के इस साल की विदेश यात्रा का खर्च भी इसी के आस पास होगा।

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