नीलामी : इजरायल का सबसे महंगा कागज़ बनी आइंस्टाइन की ‘किस्मत’ वाली चिट्ठी

आइंस्टाइनदुनिया के सबसे महानतम वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टाइन आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं जितने अपने जीवन यात्रा के दौरान थे। आइंस्टाइन ने 1905 में थ्योरी ऑफ स्पेशल रिलेटिविटी E=MC2 का सिद्धांत दुनिया को दिया। तब से लेकर आज तक कोई इस थ्योरी को गलत साबित नहीं कर पाया। कई वैज्ञानिकों ने कोशिशे भी की लेकिन वह नाकाफी ही निकलीं।

आइंस्टाइन की थ्योरी ने दुनिया को अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने के लायक बनाया। लेकिन अल्बर्ट आइंस्टाइन ने केवल यह थ्योरी ही नहीं दी थी। बल्कि एक ऐसा फार्मूला भी दिया था जिसमें जीवन में खुश रहने का एक राज भी छिपा था। इस फोर्मुले से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी भी है।

दरअसल एक बार आइंस्टाइन जापान की यात्रा पर गए हुए थे। जहां टोक्यो शहर के इंपीरियल होटल में रुके हुए थे। तभी उनके रूम में कूरियर वाला एक पार्सल लेकर कर आया। आइंस्टाइन उसे टिप देने लगे। कूरियर वाले ने टिप लेने से इनकार कर दिया। लेकिन आइंस्टाइन उसको खाली हाथ नहीं लौटाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक नोट की तरह चिट्ठी लिखी। इसमें लिखा था खुशियों का फॉर्म्युला। जर्मन भाषा में लिखे गए आइंस्टाइन के शब्द थे।

इसके साथ ही उन्होंने कूरियर वाले को एक और नोट दिया। इसमें उन्होंने लिखा था:- “अगर तुम किस्मत वाले निकले, तो ये नोट किसी भी टिप से कहीं ज्यादा कीमती साबित होगा”।

आइंस्टाइन की ये लाइन अब जाकर सही साबित हुई है। कूरियर वाले के भतीजे ने उस चिट्ठी की नीलामी की। यह नीलामी इजरायल के यरुशलम में हुई है। यह चिट्ठी यूरोप के एक शख्स ने दस करोड़ रुपये से भी ज्यादा में खरीदी है। इजरायल में आज तक किसी कागज की इतनी महंगी बोली नहीं लगी थी।

बता दें इसी जापान यात्रा करे दौरान आइंस्टाइन को फिजिक्स का नोबल प्राइज दिए जाने की घोषणा हुई थी।

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