लॉरेंस बिश्नोई के जेल साक्षात्कार पर दो डीएसपी समेत 7 पंजाब पुलिसकर्मी निलंबित

पंजाब में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जेल में विवादास्पद साक्षात्कार के बाद दो डीएसपी समेत सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

पंजाब सरकार ने बुधवार को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जमानत पर रहते हुए नौकरी के लिए साक्षात्कार के सिलसिले में दो उप निरीक्षकों सहित छह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की। यह निर्णय विशेष जांच दल (एसआईटी) के निष्कर्षों के बाद लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि साक्षात्कार, जिसे एक गुप्त चैनल पर प्रसारित किया गया था, 3-4 सितंबर, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ था, जब बिश्नोई खरड़-सीआईए में था।

उच्च पदस्थ अधिकारी निलंबित

निलंबित किए गए सात पुलिसकर्मियों में डीएसपी गुरशेर संधू और समर वनीत भी शामिल हैं। अधिकारियों द्वारा यह जांच किए जाने के बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है कि जेल से बिश्नोई का साक्षात्कार कैसे आयोजित किया गया और उसे सार्वजनिक रूप से कैसे जारी किया गया।

सुरक्षा उल्लंघन की जांच

इस घटना ने पंजाब की जेल प्रणाली के भीतर सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। पुलिस विभाग ने जेल से रिकॉर्ड किए गए साक्षात्कार की अनुमति देने वाली खामियों को समझने के लिए एक आंतरिक जांच शुरू की है।

निलंबन का विवरण

राज्य के गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह द्वारा जारी आदेश में मामले की संवेदनशीलता पर जोर दिया गया, जिसमें उन्होंने तत्काल इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में उप-अधीक्षक गुरशेर सिंह और उप-निरीक्षक रीना, जगतपाल जांगू, शगनजीत सिंह और समरवाणी के मुख्य कांस्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं।

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के सिलसिले में जब बिश्नोई को तिहाड़ जेल से खरड़ सीआईए में स्थानांतरित किया गया था, तब गुरशेर सिंह डीएसपी (जांच) के पद पर कार्यरत थे।

कानूनी कार्यवाही और आरोप

मार्च 2023 में बठिंडा जेल में बिश्नोई से दो पूछताछ दर्ज की गई थी। जांच के बाद, एसआईटी ने 5 फरवरी को बिश्नोई के खिलाफ जबरन वसूली और आपराधिक साजिश सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं और जेल (पंजाब संशोधन) अधिनियम, 2011 के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

हालांकि, 9 अक्टूबर को मोहाली कोर्ट में दाखिल की गई अंतिम रिपोर्ट में केवल आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप शामिल थे। अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर के लिए तय की।

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