हटाई गयीं ब्राजील की राष्ट्रपति

नई दिल्ली ।ब्राजील  की पहली महिला राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ को उनके पद से हटा दिया गया है । उन्हें देश के बजट में गड़बड़ी के आरोप में हटाया गया। ब्राजील की संसद में राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ को पद से हटाने के पक्ष में ज़रूरी दो तिहाई वोट पड़े थे। इस तरह लातिन अमेरिका के सबसे बड़े आर्थिक संपन्न देश में वामपंथी वर्कर्स पार्टी के 13 वर्ष के शासन की समाप्ति हो गई।

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सीनेट  द्धारा डिल्मा रॉसेफ के खिलाफ सरकारी बैंको के धन का गैरकानूनी उपयोग किए जाने के मामले में महाभियोग प्रक्रिया का प्रस्ताव लाया गया था।

रॉसेफ का कार्यकाल एक जनवरी 2019 को ख़त्म होने वाला था, अब कार्यकारी राष्ट्रपति मिशेल टेमर ये कार्यकाल पूरा करेंगे नरम-दक्षिणपंथी पीएमडीबी पार्टी के नेता मिशेल टेमर को जल्द ही राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जाएगी.

डिल्मा रॉसेफ पर देश के बजट में गड़बड़ी के आरोप हैं, दूसरी तरफ ब्राजील की पहली महिला राष्ट्रपति ने किसी प्रकार के गैरकानूनी कार्य में संलिप्तता से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि महाभियोग का लक्ष्य देश के पूंजीपतियों के हितों का संरक्षण और ब्राजील के गरीब लोगों के लिए चलाए जा रहे सामाजिक कार्यक्रमों को बंद करना है। इन सामाजिक कार्यक्रमों से ही पिछले दशक के दौरान लाखों गरीब गरीबी से उबर सके।  सीनेट में 61 सीनेटरों ने महाभियोग के पक्ष में और 20 सीनेटरों ने महाभियोग के ख़िलाफ़ वोट डाले गये थे।

इस बीच ब्राजील की सीनेट ने यह भी फैसला लिया कि राष्ट्रपति पद से हटायी गयी डिल्मा रॉसेफ अब सार्वजनिक कार्यो में भाग नहीं लेगी। उधर रॉसेफ ने महाभियोग प्रक्रिया को रूढि़वादी राजनीतिक विपक्ष द्धारा उनकी वामपंथी वर्कर्स पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए किया जा रहा है एक  तख्तापलट करार दिया है।

मई में सीनेट में डिल्मा रॉसेफ के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने के पक्ष में वोट पड़े थे। जिसके बाद रॉसेफ को निलंबित कर‍ दिया गया था।उनके आलोचकों के मुताबिक अक्तूबर 2014 में दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए वित्तीय घाटे की अनदेखी कर सामाजिक कार्यक्रमों में धन लगाकर लोकप्रियता हासिल करना चाहती थीं।

1947 में बेलो हॉरिज़ॉन्ट में पैदा हुई ज़िल्मा रूसेफ़ के पिता बुल्गेरियाई अप्रवासी थी। 1964 में ज़िल्मा ब्राज़ील की सैन्य तानाशाही के खिलाफ़ वामदलों के आंदोलन से जुड़ीं।इस आंदोलन के दौरान तीन साल जेल में भी रहीं। 2011 में वो ब्राज़ील की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं और 2014 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव जीतीं।

 

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