युद्धाभ्यास में पहली बार गरजा भारतीय राफेल, जोधपुर में दम दिखा रहे राफेल और सुखोई

राजस्थान के जोधपुर में गुरुवार को (21 जनवरी) पहली बार भारतीय राफेल ने जौहर दिखाए। भारत-फ्रांस की एयरफोर्स का संयुक्त युद्धाभ्यास (डेजर्ट नाइट-21) 20 जनवरी से शुरू हुआ है। यह 24 जनवरी तक चलेगा। सबसे पहले दोनों देशों के राफेल जेट ने उड़ान भरी। इसके बाद सुखोई व मिराज भी आसमान में अठखेलियां करते नजर आए। जोधपुर का साफ मौसम भी दोनों देशों के पायलट्स को रास आया।

दोनों देशों के राफेल फाइटर्स समेत अन्य विमान बुधवार को ही जोधपुर पहुंच गए थे। पहले दिन दोनों टीमों ने एक-दूसरे से इंट्रोडक्शन लिया। इसके बाद देर रात तक वॉर रूम में युद्धाभ्यास की रणनीति तैयार की गई। गुरुवार सुबह दोनों टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ एयरबेस पर आ डटीं। सबसे पहले फ्रांस के राफेल ने उड़ान भरी। फिर तो कई विमान देखते ही देखते आसमान में छा गए।

युद्धाभ्यास जोधपुर से पाकिस्तान की सीमा के बीच चलेगा। आसमान में पहुंचते ही भारत-फ्रांस की टीमें अलग-अलग फॉर्मेशन में आ गईं। इसके बाद एक-दूसरे को छकाते हुए उनके एयरस्पेस में घुसने का दौर शुरू हुआ। दोनों टीम में से एक हमलावर और दूसरी रक्षात्मक भूमिका में रही। हमलावर टीम को दूसरी टीम के सुरक्षा घेरे को भेदते हुए अंदर प्रवेश करके अटैक का युद्धाभ्यास करना था।

दोनों टीमों ने हवा से हवा में एक-दूसरे के विमान पर डमी मिसाइलें दागीं। हमलावर टीम को इन मिसाइल के हमलों को नाकाम करते हुए आगे बढ़ना होता है। करीब डेढ़ घंटे तक आसमान में एक-दूसरे की क्षमता को परखने के बाद सभी फाइटर्स वापस एयरबेस पर लौट आए। नीचे उतरते ही सभी पायलट्स वॉर रूम पहुंचे, जहां उनकी उड़ान का पूरा लेखा-जोखा लेकर एक्सपर्ट्स मौजूद थे।

एयरबेस पर ही वॉर रूम बनाया गया है। इसमें दोनों देशों के एक्सपर्ट्स युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हर विमान की गतिविधि पर बारीकी से नजर रखते हैं। इनके दिशा-निर्देश पर ही दोनों लड़ाकू विमानों के बीच युद्धाभ्यास चलता है। सब कुछ ऑन रिकॉर्ड होता है। पायलट्स के ग्राउंड पर लौटते ही उनकी परफॉर्मेंस की पूरी रिपोर्ट तैयार रखी जाती है। इसमें एक्सरसाइज के दौरान उजागर होने वाली खामियों के बारे में बताया जाता। ऐसा करने से पायलट्स को गलतियों में सुधार का मौका मिलता है।

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