मानसिक बीमारी को सेल्फ मैनेज करने के लिए बनाया गया ऐप

मानसिक बीमारीनई दिल्ली। आज की भागती दौड़ती दुनिया में तनाव बहुत बढ़ गया है। तनाव की वजह से लोगों में मानसिक बीमारियां बढ़ती जा रही है, जिसका ज्यादातर शिकार युवा हो रहे हैं। मानसिक बीमारी का इलाज संभव है लेकिन ज्यादातर मामलों में इसकी पहचान ही नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से यह परेशानी बढ़ जाती है। अब वैज्ञानिकों ने इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। वैज्ञानिकों ने मानसिक बीमारी पहचानने के लिए एक स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है।

यह ऐप मरीजों की मानसिक बीमारी और अन्य गंभीर स्थितियों को सेल्फ मैनेज करने के लिए बनाया गया है। ऐप लगभग तीन महीने के दौरान रोगी के 10 सेशन लेता है।

ऐप का हुआ परीक्षण

किसी भी तरह की गंभीर समस्या का पता चलने पर इस एप की मदद से डॉक्टर फोन पर रोगी को दवाओं के बारे में बता सकते हैं। अमेरिका में डार्टमाउथ कॉलेज के शोधकर्ताओं ने ऐप की उपयोगिता का परीक्षण किया है। उन्होंने पाया कि गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहे 10 पार्टिसिपेंट्स इस स्मार्टफोन ऐप की उपयोगिता से संतुष्ट थे।

सीमित तकनीकी समझ वालों के लिए भी उपयोगी

शोध के मुताबिक सीमित तकनीकी समझ वाले रोगी भी इस ऐप का सफलतापूर्वक उपयोग कर पा रहे थे। डार्टमाउथ कॉलेज के कैरन फोर्ट्यूना ने कहा कि गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों द्वारा मोबाइल स्वास्थ्य का उपयोग एक प्रॉमिसिंग अप्रोच है, जो अत्यधिक व्यावहारिक और स्वीकार्य है।

बीमारी से पहले सेल्फ मैनेजमेंट की तैयारी

शोधकर्ताओं ने कहा कि स्मार्टफोन एप्लिकेशन सहभागिता, व्यक्तिगत और बीमारी के होने से पहले ही उसकी रोकथाम जैसी सुविधा प्रदान करता है। स्वास्थ्य सेवा में बीमारी के होने से पहले ही उसकी रोकथाम और बीमारियों के सेल्फ मैनेजमेंट को तेजी से अपनाया जा रहा है।

 

 

 

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