महाराष्ट्र में स्कूलों की मनमानी से तंग 12 साल के मासूमों ने बुलाया संवाददाता सम्मेलन
मुम्बई। महाराष्ट्र के चंद्रपुर में प्रेस क्लब में जुटे पत्रकार उस समय अचंभे में पड़ गए, जब स्थानीय विद्या निकेतन स्कूल के दो छात्र क्लब के अंदर आए और उन्होंने भारी बस्ते के कारण रोजाना होने वाली कठिनाइयों पर एक संवाददाता सम्मेलन करने की इच्छा जाहिर की।
करीब 12 साल के बच्चों ने पत्रकारों से कहा, हमें प्रतिदिन आठ विषयों की कम से कम 16 किताबें ले जानी पड़ती हैं और कई बार स्कूल में उस दिन पढ़ाए जाने वाले विषयों के आधार पर इन किताबों की संख्या बढ़कर 18 से 20 तक पहुंच जाती है।
हमारा स्कूल बस्ता सात किलो का होता है और उसे तीसरी मंजिल पर स्थित कक्षा तक ले जाना बहुत थकान भरा होता है। छात्रों ने बताया, रोज हर विषय की करीब आठ कक्षाएं होती हैं, जिसके प्रत्येक विषय के लिए हमें किताबें लानी पड़ती हैं, जबकि सप्ताह भर इसके अलावा भी कुछ अन्य किताबों को लाने की जरूरत होती है, जो बहुत बोझिल साबित होती हैं।
महाराष्ट्र के स्कूलों में बच्चे परेशान
यह पूछने पर कि यदि विद्यालय उनकी शिकायत का निवारण नहीं करता है, तो वे क्या करेंगे । उन्होंने कहा कि इसके बाद वह अपनी मांगे पूरी नहीं होने तक भूख हड़ताल पर जाएंगे।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि, हमने अपने प्रधानाचार्य को एक दो बार स्कूल के बस्ते का बोझ कम करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कई बार अभिभावक अपने बच्चों की मदद करते हैं और उनके बस्ते को कक्षा तक पहुंचा देते हैं।