झारखंड में 26 बाल विवाह रोके गए

बाल विवाहनई दिल्ली। बाल अधिकार संरक्षण समूह ने शुक्रवार को कहा कि उसने झारखंड में महज एक हफ्ते में 26 बाल विवाहों को रोका है। नोबल पुरस्कार प्राप्त कैलाश सत्यार्थी के इस संगठन ने कहा कि ज्यादातार बच्चों का विवाह 12 से 15 वर्ष की उम्र में हो रहा था। सबसे छोटे की उम्र 11 वर्ष थी।

संगठन ने बयान में कहा, “सभी लड़कियों की शादी उनसे उम्र में दोगुने व्यक्तियों से की जा रही थी।”

बयान में बताया गया, “समय पर हस्तक्षेप करने से इन बच्चियों को मदद मिली। गैरकानूनी बाल विवाह से बचाई गईं ये कम उम्र की लड़कियां न तो वैवाहिक जिम्मेदारी वहन कर सकती हैं और न ही बच्चे के जन्म की।”

बयान में कहा गया कि झारखंड में वैसे तो बाल विवाह प्रतिबंधित है लेकिन फिर भी राज्य में इसे बड़ी संख्या में अंजाम दिया जा रहा है।

2010-2011 के वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की आयु में लड़कियों के विवाह के मामले में बिहार और राजस्थान के बाद झारखंड 51.8 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर था।

संगठन ने कहा कि उसके लिए बाल विवाह को रोकना पहली प्राथमिकता है। उसने इस प्रथा को रोकने के लिए अनूठा प्रयास किया है। उसने इस तरह के बाल विवाह से प्रभावित गांवों में छोटे बच्चों को नेता बनाया है जो इस अपराध के होने की जानकारी देते हैं।

LIVE TV