बलूचिस्‍तान में मानवाधिकार का उल्लंघन, तो पाक पर होगी कार्रवाई

बलूचिस्‍ताननई दिल्ली। बलूचिस्‍तान मामले को लेकर पाकिस्‍तान की कलई अब खुलनी शुरू हो गयी है। बलूचिस्‍तान को भारत के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है।

पाकिस्तान का अत्याचार झेल रहे बलूचिस्तान के लोगों के साथ यूरोपियन यूनियन ने एकजुटता दिखाई है। ईयू के वाइस प्रेसिडेंट आर. जारनेकी ने इस पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है।

जारनेकी ने शुक्रवार को कहा- ‘पाकिस्तान अगर बलूच लोगों के साथ की जा रही ज्यादती पर रोक नहीं लगाता है और वहां ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन जारी रहता है तो ईयू इस्लामाबाद पर आर्थिक और राजनीतिक पाबंदिया लगा सकता है।

जारनेकी ने कहा- ‘ह्यूमन राइट्स पर चर्चा के दौरान मैंने ईयू से कहा कि अगर हमारे सहयोगी देश मानवाधिकार और उसके मानकों को मंजूर नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में हमें इस पर ध्यान देना चाहिए और आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधन लगाने के बारे में सोचना चाहिए।’

– बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ एक प्रदर्शन में शामिल हुए जारनेकी ने कहा- ‘यह वक्त कुछ बोलने का नहीं, बल्कि कुछ करने का है।’

जारनेकी ने कहा- ‘पाकिस्तान के साथ हमारे आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते हैं। पाकिस्तान अगर बलूचिस्तान को लेकर अपनी पॉलिसी नहीं बदलता है तो हमें इस्लामाबाद और पाकिस्तान सरकार के बारे में अपना नजरिया बदलना पड़ेगा।’

‘इस्लामाबाद का दोहरा रवैया है, एक तरफ तो वह दुनिया के सामने अपना साफ चेहरा दिखाता है जबकि दूसरी ओर वह ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन में शामिल है।’

‘ईयू के सभी मेंबर्स को करनी चाहिए कार्रवाई’

वाइस प्रेसिडेंट ने कहा- यूरोपीय यूनिययन के सभी 28 मेंबर्स को बलूच लोगों पर पाकिस्तान की क्रूरता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, ‘पाकिस्तान की सरकार पर वहां की सेना का कंट्रोल है। बलूचिस्तान के लोगों को यह समझना चाहिए कि ईयू उनके साथ है।’

 भारत के पक्ष में लग चुके हैं नारे

बलूचिस्तान के सुई, डेरा बुगती, जाफराबाद, नसीराबाद समेत कई इलाकों में सालों से पाकिस्तान के अत्याचार की खबरें हैं।

नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को लाल किले से अपनी स्पीच में बलूचिस्तान का मसला उठाया था, इसके बाद बलूचिस्तान में आजादी समर्थक अब तक कई बार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।

बलूचिस्तान में न केवल कई बार भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा लहराया गया है बल्कि लोगों ने बलूचिस्तान के शहीद माने जाने वाले दिवंगत नेता अकबर बुगती के साथ पीएम मोदी की फोटो भी लहराई है।

भारत ने कुछ दिनों पहले जेनेवा में यूनाइटेड नेशन्स ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 33rd सेशन में भी बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया था। उसी दौरान न्यूयॉर्क में यूएन हेडक्वार्टर्स के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था और ‘बलूचिस्तान दूसरा बांग्लादेश’ के नारे भी गूंजे थे।

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