फोन टैपिंग पर एस्सार का फंसना तय, गृह मंत्रालय लेगा एक्शन

फोन टैपिंगनई दिल्‍ली। मल्टीनेशनल कंपनी एस्सार ग्रुप से जुड़े फोन टैपिंग मामले में सरकार ने सख्ती दिखाई है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन टैपिंग मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए। इस बाबत जरूरी कारवाही के लिए कागजातों को गृह मंत्रालय भेज दिया गया है|

केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले को लेकर पीएम मोदी बेहद गंभीर हैं और उन्होंने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है। पीएम मोदी ने सख्ती के साथ कहा कि भ्रष्‍टाचार कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रधानमंत्री का साफ मानना है कि सरकारी नीतियों को बनाने में किसी भी बाहरी तत्व का रोल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। VVIP फोन टैपिंग मामले को लेकर वकील सुरेन उप्पल ने  पीएमओ में शि‍कायत की थी। उप्पल ने सबूत के तौर पर 29 पन्नों के एक दस्तावेज भी पीएमओ को दिया था।

फोन टैपिंग मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब

पांच साल तक देश के सबसे अहम माने जाने वाले लोगों के फोन टैपिंग करवाने के आरोपों से घिरे अल बासित खान ने कहा कि उप्पल पर बेवजह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उप्पल कॉरपोरेट दिगग्जों से उगाही करना चाहते हैं। खान ने कहा कि उन्होंने कभी भी उप्पल को हायर नहीं किया।

वहीं फोन टैपिंग के खुलासे और पीएमओ से इसकी शिकायत करने वाले वकील सुरेन उप्पल ने कहा कि खान के बयान से उन्हें कोई हैरत नहीं हुई। उन्हें पहले से इसका अंदाजा था। उन्होंने कहा कि मेरे पास इस बात के तमाम सबूत हैं कि खान उनसे सीधे संपर्क में थे और इस टैपिंग का खुलासा करने के लिए भी दोनों साथ काम कर रहे थे।

यह है पूरा मामला ?
मल्टीनेशनल कंपनी एस्सार ग्रुप पर आरोप है कि ग्रुप ने 2001 से 2006 तक एनडीए और यूपीए सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी जैसे कारोबारी दिग्‍गजों का फोन टेप किया। जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें अटल बिहारी वाजपेयी के वक्त के पीएमओ अधि‍कारी भी शामिल हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है‍ कि सुप्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल ने बीते 1 जून को इस बारे में 29 पेज की एक शिकायत पीएमओ को भेजी है। उप्पल एस्सार समूह के उस कर्मचारी के वकील हैं, जिस पर कथित तौर पर फोन टैपिंग का आरोप है. बताया जाता है कि एनडीए सरकार में मंत्री रहे प्रमोद महाजन का फोन भी टैप किया गया था। कुछ फोन टैपिंग टेलिकॉम लाइसेंसिंग के सिलसिले में हुई थी।

सुरेश उप्पल की शिकायत के मुताबिक, मौजूदा रेल मंत्री सुरेश प्रभु, पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल और राम नाइक, रिलायंस ग्रुप के मुकेश और अनिल अंबानी, अनिल की पत्नी टीना अंबानी और कई टॉप ब्यूरोक्रेट्स के फोन टैप किए गए थे। इसके साथ ही सपा नेता अमर सिंह, तत्कालीन गृह सचिव राजीव महर्षि, IDBI बैंक के पूर्व चेयरमैन पीपी। वोहरा, IDBI बैंक के ही पूर्व सीईओ और एमडी केवी. कामथ और इसी बैंक की पूर्व जवॉइंटइंट मैनेजिंग डायरेक्टर ललिता गुप्ते का फोन भी टैप किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में भी हो रही सुनवाई
खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में इस वक्त एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है, इसमें एस्सार ग्रुप पर अपने फायदे के लिए कुछ नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और जर्नलिस्ट्स की फोन टैपिंग का आरोप है। पीआईएल केंद्र की तरफ से दायर की गई है। हालांकि कंपनी का कहना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। एस्सार के जिस पूर्व कर्मचारी पर टैपिंग का आरोप लगा है उसका नाम है अलबासित खान। उप्पल उन्हीं के वकील हैं. दो महीने पहले उन्होंने एस्सार ग्रुप और कुछ दूसरे कॉर्पोरेट्स को एक नोटिस भी भेजा था।

इस पूरे विवाद पर एस्सार ग्रुप का कहना है कि सभी फैक्ट्स और आरोपों की जांच की जानी चाहिए। कॉशन नोटिस में लगाए आरोप भी बेबुनियाद और गलत हैं। हम इस बारे में जवाब देंगे। उप्पल ने जो कॉशन नोटिस भेजा है, उसमें कहा गया है कि खान का ड्रग एनफोर्समेंट बैकग्राउंड था। इसके बावजूद प्रशांत रूइया ने उसे कंपनी का सिक्युरिटी हेड बना दिया।

 

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