मोदी जी, आप चाहें तो मुझे पीट लीजिए : केजरीवाल

केजरीवालनई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर दोहरे मानदंडों का आरोप लगाते हुए संसदीय सचिवों के मुद्दे को लेकर बुधवार को फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब इन पार्टियों ने ऐसा किया तब वह ‘वैध’ था और जब उनकी सरकार ने ऐसा किया तो ‘अवैध’। केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मोदीजी, मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आपका झगड़ा मुझसे है। अगर आप चाहें तो मुझे पीट लीजिए, मेरे साथ जो चाहे कीजिए, लेकिन दिल्ली की जनता को परेशान न करिए।” उन्होंने कहा, “दिल्ली में किए जा रहे अच्छे काम को रोकने की कोशिश न करें।” आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्त किए गए आप के 21 विधायक उसकी ‘आंख, कान और हाथ’ हैं।

केजरीवाल की बढ़ सकती है मुश्किलें

केजरीवाल ने कहा, “उनकी मदद से ही हमारी सरकार का काम चल रहा है। हम जो भी विकास कार्य करते हैं, उसमें ये संसदीय सचिव काफी मदद करते हैं।” उन्होंने यह भी पूछा कि विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करने पर उनकी सरकार से भाजपा और कांग्रेस क्यों सवाल पूछ रहीं हैं, जबकि खुद उन्होंने भी दिल्ली की सत्ता में रहने के दौरान ऐसा किया था। पूर्व मुख्यमंत्रियों का नाम लेते हुए केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा ने 1997 में विधायक नंद किशोर गर्ग को अपना संसदीय सचिव नियुक्त किया था।

केजरीवाल ने कहा, “जब भाजपा यह काम करती है तो ठीक है, लेकिन जब आम आदमी पार्टी (आप) करे, तो यह असंवैधानिक हो जाता है।” केजरीवाल ने कहा कि उनकी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित जब मुख्यमंत्री थीं, तब उन्होंने भी अजय माकन को अपना संसदीय सचिव नियुक्त किया था। केजरीवाल ने कहा कि फरवरी 2015 में सत्ता में आने के बाद उन्होंने अपने कुछ विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में काम करने के लिए तैनात करने का फैसला किया था। इनमें डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि संसदीय सचिव को उनके द्वारा किए जा रहे अतिरिक्त काम के लिए कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल अपनी बात कहने के फौरन बाद संवाददाता सम्मेलन से उठकर चले गए। संसदीय सचिव के पद को ‘लाभ के पद’ के दायरे से छूट दिए जाने के दिल्ली सरकार के एक प्रस्तावित विधेयक को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा कथित तौर पर नामंजूर करने के बाद केजरीवाल ने आक्रोश व्यक्त किया है। संसदीय सचिवों के पदों पर आसीन आप सरकार के 21 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की संभावना की खबरों के बीच कांग्रेस और भाजपा ने केजरीवाल सरकार को घेर लिया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर दिल्ली सरकार द्वारा की गई नियुक्तियां मान्य हो जातीं।

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