सैलरी और सेविंग अकाउंट्स वालों को लगेगी चपत, हफ्ते में सिर्फ 4 बार मिलेगा कैश, आज से लागू
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद अब एक बार फिर से आम जनता को झटका लगने जा रहा है। निजी क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक ने नकद से जुड़ी कुछ गतिविधियों के लिये बचत खाताधारकों हेतु शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि का फैसला किया है। यह नकद लेन-देन से लोगों को हतोत्साहित करने का एक प्रयास है। सरकार नोटबंदी के बाद लोगों को नकद-रहित और डिजिटल लेन-देन के लिये प्रोत्साहित कर रही है। इस लिहाज से बैंक का यह कदम महत्वपूर्ण है।
बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि एचडीएफसी बैंक ने एक मार्च से कुछ लेन-देन पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। साथ अन्य मामलों में नकदी की सीमा तय करने और कुछ लेन-देन पर शुल्क लगाने का निर्णय किया है। बैंक की वेबसाइट के अनुसार थर्ड पार्टी लेन-देन 25,000 करोड़ रुपये की सीमा तय की है।
साथ ही बैंक ने अपनी शाखाओं में मुफ्त नकद लेन-देन दो लाख रुपये पर नियत किया है। इसमें जमा और निकासी शामिल हैं। इससे ज्यादा जमा और निकासी करने पर ग्राहकों को न्यूनतम 150 रुपये या पांच रुपये प्रति हजार का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी शाखाओं में मुफ्त लेन-देन 25,000 रूपये है। उसके बाद शुल्क उसी स्तर पर लागू होगा।
साथ ही शाखाओं में मुफ्त लेन-देन की संख्या पांच से कम कर चार कर दिया और गैर-शुल्क लेन-देन के लिये शुल्क भी 50 प्रतिशत बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि इससे पहले, प्रतिदिन निकासी और जमा दोनों में 50,000 नकद लेन-देन की अनुमति थी। समीक्षा केवल वेतन और बचत खातों के लिए है।