इन चीजों को खाकर करें अपने फेफड़ों की सुरक्षा
जिसा हवा में हम सांस ले रहे हैं, वो प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. रेस्पिरेटरी की अज्ञात समस्याओं के साथ लोग अस्पताल के इमरजेंसी रूम में जा रहे हैं. ये सब हवा में घुले जहरीले प्रदूषण के कारण हो रहा है. प्रदूषित हवा में ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और डीजल से निकले पार्टिकल्स होते हैं जो हमारे फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक हैं. तमाम वैज्ञानिक भी आगाह कर चुके हैं कि प्रदूषण की वजह से कोरोना का कहर भी बढ़ सकता है.
इतना ही नहीं, प्रदूषण के कण बॉडी के इम्यून सिस्टम और कोशिकाओं पर भी बुरा असर डालते हैं एक्सपर्ट कहते हैं कि खाने की कुछ चीजों में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रदूषण से होने वाले खतरे से आपको बचा सकते हैं. आइए आपको कुछ ऐसे नैचुरल एंटी ऑक्सीडेंट्स न्यूट्रिएंट्स के बारे में बताते हैं जो प्रदूषण के दुष्प्रभाव से आपके शरीर की सुरक्षा कर सकते हैं.
1. विटामिन-सी- विटामिन-सी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है. यह शरीर में फ्री रेडिकल्स की सफाई करता है. शरीर में विटामिन-ई को रीजेनरेट करने के लिए भी विटामिन-सी बेहद उपयोगी है. फेफड़ों के लिए शरीर में विटामिन-सी के लेवल को मेंटेन रखना बेहद जरूरी है. शरीर को रोजाना 40 मिलीग्राम विटामिन-सी की जरूरत होती है.
चौलाई का साग, ड्रमस्टिक, अजवायन, बंद गोभी और शलगम का साग विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माने जाते हैं. नींबू, अमरूद, आंवला और संतरे में भी ये विटामिन पाया जाता है. इसके लिए आपको खट्टे फलों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए.
2. शरीर को चाहिए विटामिन-ई- हमारे भोजन में विटामिन-ई खास तौर से पौधों पर आधारित कुकिंग ऑयल से आता है. इसमें कैनोला, मूंगफली, सनफ्लॉवर, राइस ब्रैन, बादाम समेत ऑलिव ऑयल मुख्य स्रोत हैं. सालमन फिश खाने वालों को कभी विटामिन-ई की कमी नहीं होती.
इसके अलावा मिर्च पाउडर, पेपरिका, लौंग, अजवायन और तुलसी जैसे मसाले और जड़ी-बूटियों में भी विटामिन-ई होता है. इनमें से बहुत सी चीजों को बहुत कम मात्रा में डाइट में शामिल किया जा ता है. इन चीजों को हमेशा डेली डाइट में खाना चाहिए.
3. बीटा कैरोटीन– बीटा कैरोटीन में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट शरीर में सूजन से जुड़ी समस्या को नियंत्रित करने में बेहद कारगर है. खास बात ये है कि ये शरीर में विटामिन-ए में भी कन्वर्ट हो जाता है. इसके लिए आपको चौलाई का साग, धनिया, मेथी, पालक और सलाद को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए.
4. ओमेगा-3 फैट- ओमेगा-3 फैटी एसिड वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से शरीर का बचाव करता है. हृदय से जुड़ी दिक्कतों में भी ये बड़ा कारगर है. अखरोट, चिया सीड्स और अलसी के बीजों को यॉगर्ट के साथ खा सकते हैं. इसके अलावा मेथी, सरसों के बीच, हरी पत्तीदार सब्जियां, काला चना, राजमा और बाजरा से भी ओमेगा-3 फैट की कमी को पूरा किया जा सकता है.
5. आयुर्वेदिक चीजें- प्रदूषण के प्रभाव से शरीर को बचाने के लिए आयुर्वेदिक चीजों का सहारा भी लिया जा सकता है. खांसी और अस्थमा से राहत के लिए घी में हल्दी मिलाकर सेवन करें. गुड़ के साथ हल्दी भी बेहद फायदेमंद होती है. सूखी खांसी में प्याज के साथ गुड़ भी बड़ी राहत देता है. अस्थमा के रोगियों को गाय के दूध और गेहूं का सेवन जरूर करना चाहिए.