खुलासा : अडानी के लिए गुपचुप तरीके से मोदी सरकार ने बदले नियम, हो गई 500 करोड़ की हेराफेरी
नई दिल्ली। देश की उन्नति और विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी कदम उठा रहे हैं। इस फेहरिस्त में 500 और 1000 के नोट बैन किया जाना और अब जीएसटी यानी देश को ‘एक देश, एक बाजार और एक टैक्स’ की कड़ी में बांधना। यकीनन यह केंद्र सरकार के बेहतरीन कदम हैं। इससे उनके चाहने वाले खुश भी हैं और उत्साह से झूम भी रहे हैं। लेकिन इसी बीच मोदी सरकार के एक ऐसे कदम का मामला सामने आया, जिसे जान सभी हैरत में पड़ जाएंगे।
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जहाँ एक ओर कालाधन पर रोक लागने और गरीबों की बेहतरी का दम भरने का दावा सरकार कर रही है। वहीं ‘इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली’ ने कुछ ऐसे अनसुलझे पन्ने खोल कर रख दिए हैं, जिनका जवाब शायद सरकार देना उचित नहीं समझ रही।
‘द वायर’ की खबर के मुताबिक़, केंद्र सरकार ने गुपचुप तरीके से स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (विशेष आर्थिक क्षेत्रों) यानी सेज़ से संबंधित नियमों को बदला। इसका सीधा फायदा अडानी समूह की एक कंपनी को पहुंचेगा। नियमों में हुए बदलावों के तहत कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपए का फायदा होगा।
इस जानकारी को सुनने वालों में जितना कौतूहल है, उससे ज्यादा सोचने का विषय सरकार के लिए है।
क्या वाकई में ऐसा किया गया? जानबूझकर किया गया ? सरकार की निगाह में किया गया ? या वह अभी तक इससे अनजान है?
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इन चंद सवालों के जवाब लोगों को परेशान कर रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री पद पर आसीन नरेंद्र मोदी जी को भी सवालों के घेरे में खींच रहे हैं।
वजह फायदा पाने वाले अडानी समूह के सर्वेसर्वा गौतम अडानी हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफ़ी करीबी माने जाते हैं।
अब यदि ऐसे आरोप उनपर लगते हैं और वे वाकई में पूरी तरह से सही हैं और देश हित के लिए काम करना चाहते हैं तो इस पर उनका उत्तर देना तो बनता है। साथ उन्हें नियमों में हुए इस फेरबदल का कारण भी प्रस्तुत करना चाहिए। ताकि उन पर उठने वाली अंगुलियों को दोबारा बल न मिले।
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