निरंजनी अखाड़े के साधु-संतों ने संगम की रेत पर खेली कबड्डी

रिपोर्ट- सैय्यद आकिब रज़ा

प्रयागराज। कुम्भ मेले में आये साधु-संतों पर कबड्डी का खुमार चढ़ने लगा है। अखाड़ों के पंडालों में रह रहे भगवाधारी साधु-संतो अब खाली वक्त में कबड्डी को खेलते दिखाई दे रहे हैं।

सैकड़ों साधु संतों ने सामूहिक रूप से कबड्डी खेलकर कुंम्भ में होने का आध्यात्मिक शुभारम्भ भी कर दिया। मोह-माया से दूर रहने वाले इन साधु-संतों पर भी धीरे-धीरे कबड्डी का खुमार छाने लगा है।

साधु-संत या कहे की अखाड़ो का जिक्र आते ही धार्मिक पूजा पाठ में लीन रहने वाले साधू संतो का ख्याल दिमाग मे आता है, लेकिन इन दिनों निरंजनी अखाड़े के साधु संत लठमार और तलवार बाजी के बाद कबड्डी खेलते हुए नजर आए।

कबड्डी खेल रहे साधु-संतों ने कहा कि यह भी एक व्यायाम का एक हिस्सा है। कबड्डी खेलने से एक नई ऊर्जा और जोश मिलता है शरीर फुर्तीला होता है।

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साधु संत चाहे जिस भी उम्र के हो सभी साधु कबड्डी को खेलते हैं और शरीर के फिटनेस का भी ध्यान रखते हैं। कुंम्भ क्षेत्र में अखाड़ो की पेशवाई का दौर जारी है और देश भर के साधु संत इन अखाड़ो का हिस्सा होते हैं। ऐसे में संगम की रेती पर इन साधुओं का कबड्डी खेल एक अलग रंग दर्शाता है।

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