आपस में भिड़ी दुनिया की दो महाशक्तियां, दोनों तरफ से दागी गयी मिसाइलें

दमिश्क: इजरायल और सीरिया के बीच मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राजनीतिक सम्बन्धों में आई खटास के बाद अब दोनों ने एक दूसरे को आड़े हाथों लेने की कोशिश की है. दुनिया की इन दो महाशक्तियों का आपस में यूँ टकराना निश्चित तौर पर विश्व के लिए अच्छा सन्देश नहीं है. दुनिया की बड़ी शक्तियों के बीच जंग का मैदान बन चुके सीरिया में इजरायल और सीरिया आमने-सामने आ गए हैं. ईरान के सीरिया में व्यापार करने पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज करायी थी जिसके बाद से ही दोनों मुल्कों में आपसी तल्खी बरकरार थी.israel

इजरायल ने आरोप लगाया है कि ईरानी सुरक्षाबलों ने सीरिया बॉर्डर पर उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. नेतन्याहू सरकार का दावा है कि इजरायल अधिकृत गोलन हाइट्स में सीरिया से सटी सीमा पर उसके सैन्य ठिकानों पर अटैक किया गया, जिसमें 20 रॉकेट और मिसाइल दागे गए. वहीं, सीरिया ने इजरायल पर मिसाइल दागने का आरोप लगाया है.

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यह हमला इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू के रूस दौरे के बीच हुआ है. बेंजामिन नेतन्याहू ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद कहा कि इजरायल को ईरान से अपनी सुरक्षा करने का पूरा हक है.

एक तरफ जहां इजरायल सीरिया पर हमले करने का आरोप लगा रहा है. वहीं सीरिया का दावा है कि राजधानी दमिश्क के पास इजरायल ने अटैक किया है. सीरिया की सरकारी मीडिया का दावा है कि दमिश्क की बाहरी सीमा पर हुए एक इजरायली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है. इसमें असद समर्थक गैर-सीरियाई लड़ाकों सहित आठ ईरानी नागरिक शामिल हैं.

सीरिया की सेना ने दमिश्क के निकट एक जिले पर दागी गई दो इजरायली मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है. सरकारी एजेंसी के मुताबिक, ‘इजरायल की ओर से किस्सवेह जिले पर दागी गई दो मिसाइलों को विमान रोधी सुरक्षा सिस्टम से मार गिराया गया है.’

रूस जाने से पहले नेतन्याहू ने कहा कि सीरिया में वर्तमान में जो हो रहा है, उसके मद्देनजर रूसी सेना व आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) के बीच समन्वय सुनिश्चित करना जरूरी है.

उन्होंने कहा, ‘इजरायल ने बार-बार दोहराया है और फिर से कहता है कि वह ईरान के सीरिया में बढ़ते प्रभाव को ‘खतरा’ मानता है और वह ईरान को सीरिया में प्रवेश की इजाजत नहीं देगा.

इजरायली नेता ने रूस से ईरान की सीरिया में मौजूदगी रोकने को कहा है, जहां रूसी व ईरानी सेनाएं बशर अल-असद के शासन का समर्थन कर रही हैं.

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बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार 2011 से हमले कर रही है. रूस और ईरान सीधे तौर पर असद सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं, अप्रैल में सीरिया में कथित केमिकल अटैक के जवाब में अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की. अमेरिका ने टॉमहॉक मिसाइलों से सीरिया के कथित केमिकल ठिकानों को निशाना बनाया.

बहरहाल चर्चित येरुशेलम को इजरायल की राजधानी बनाये जाने के बाद और अमेरिका द्वारा इजरायल का लगातार सहयोग करना पड़ोसी मुल्कों में तल्खी की बड़ी वजह बना हुआ है वहीं ऐसे में आपसी तकरार कूटनीतिक और राजनीतिक सम्बन्धों पर बुरा असर डाल सकती है.

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