विश्व साक्षरता दिवस : पढ़ेंगी बेटियां तभी बदलेगी दुनिया की सूरत

विश्व साक्षरता दिवसआज पूरे विश्व भर के सामने कई मुसीबतें मुह खोल कर खड़ी हुई हैं. पर्यावरण से लेकर प्रदूषण,बीमारी,अकाल,जनसंख्या और न जाने क्या-क्या दिक्कतों का पूरे विश्व को सामना पड़ रहा है. इन सब मुसीबतों से अगर कोई चीज अब तक हमें बचाए हुए है और जोड़े रखे है तो वह है हमारी सूझबूझ और तकनीकी समझ. शिक्षा मनुष्य के साथ हमेशा रहती है, ये न बांटने से कम होती है और ना ही इसे कोई चुरा सकता है.

शिक्षा एक आम इंसान को अपने जीवन में आगे बढ़ने और कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है. शिक्षा का किसी भी देश के विकास में कितना अहम योगदान है ये किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है. शिक्षा की लोगों को अहमियत बताना चंद शब्दों में मुमकिन नहीं है क्यूंकि इसके बारे में जितना बताया जाए उतना कम होगा. आज तमाम देश शिक्षा की अहमियत बखूबी जान गए हैं और अपनी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. इतने प्रयास करने के बाद भी शिक्षा का ग्राफ कुछ ख़ास बढ़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. दुनिया भर के तमाम देशों में शिक्षा का ग्राफ गिरता जा रहा है. पाकिस्तान जैसे हमारे पड़ोसी देशों में हालत हमसे भी खराब है पर विश्व में चीन जैसा भी देश है जहां साक्षरता दर 93.3% है.

कम साक्षरता होने से किसी देश को कितना नुकसान उठाना पड़ता है इसका सबूत वहां की विकास दर से ही पता चल जाता है. विश्व में साक्षरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 17 नवंबर, 1965 को 8 सितंबर का दिन विश्व साक्षरता दिवस के लिए निर्धारित किया था. 1966 में पहला विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया था और तब से हर साल इसे मनाए जाने की परंपरा जारी है. संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक समुदाय को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के लिए इसकी शुरुआत की थी. प्रत्येक वर्ष एक नए उद्देश्य के साथ विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है.

इन सब बातों के बीच यह समझना भी बहुत ज़रूरी है की साक्षरता सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होती है बल्कि साक्षरता हमारी समझ भी बढ़ाती है. साक्षरता हमें जागरूक बनाती है जिससे हम एक सामाजिक विकास का हिस्सा बनते हैं. आज विश्व में साक्षरता दर सुधरी जरूर है फिर भी शत-प्रतिशत से यह कोसों दूर है.

भारत सरकार द्वारा भी साक्षरता को बढ़ाने के लिए काफी कदम उठाये जा रहे हैं जैसे की सर्व शिक्षा अभियान, मिड डे मील योजना, प्रौढ़ शिक्षा योजना, राजीव गांधी साक्षरता मिशन आदि.देखा जाए तो कहीं न कहीं इन सब योजनाओं की वजह से लड़कियों को शिक्षित करने की जागरूकता और तादाद भी बढ़ती जा रही है.

पूरे विश्व और अपने देश में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी है की हर इंसान शिक्षित होने और अपने आस-पास के लोगों को शिक्षित करने के लिए हमेशा तत्पर रहे. हाथ से हाथ मिलाकर चलेंगे तभी सबका विकास होगा|

 

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