मजदूरों ने शोषण के खिलाफ उठाई आवाज तो अधिकारियों ने दिखाया बाहर का रस्ता

रिपोर्ट- सुनील सोनकर   

मसूरी। प्रौद्योगिकी प्रबंधन संस्थान (आईटीएम) मसूरी के अंर्तगत मिलिटरी इंजीनियरिंग सेवा विभाग से बिना किसी कारण बताए पिछले एक दशक के कार्य कर रहे पांच कर्मचारियों को निकाले जाने पर मसूरी के मजदूरो में आक्रोश व्याप्त है जिसको लेकर मसूरी होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी संघ द्वारा मसूरी छावनी परिषद स्थित मिलिटरी इंजीनियरिंग सेवा विभाग के बाहर एकत्रित हुए और अधिकारियों के खिलाफ जमकर प्रर्दशन कर नारेबाजी की। वहीं अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को अंजाम देकर ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर मजदूरों का शोषण कर उनके अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। मजूदर संघ ने विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 25 जून तक निकाले गए कर्मचारियों को वापस काम पर नही रखा गया तो वह अनिश्चितकाल हड़ताल के साथ भूख हड़ताल करेंगे।

हड़ताल

मसूरी होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सोबन सिंह पवार और आईटीएम कर्मचारी संघ के सचिव सूरवीर सिंह खरोला ने बताया कि मिलिटरी इंजीनियरिंग सेवा विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर एक बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देकर पिछले एक दशक के काम कर रहे पांच कर्मचारी राजू सिंह, गिरीश पेटवाल, आशीष जुयाल, अमन कुमार, उत्तम धनाई को उनके द्वारा पिछले 12 सालों से काम करने पर बनने वाले प्रोवीडेंट फंड और एएसआई की मांग की तो इनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

वहीं सरकार के द्वारा तय 11 हजार न्यूनतम वेतन की जगह इनको मात्र 5 हजार रूपए दिए जा रहे है वहीं कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मजदूरो के हितो की बात कर रहे है। परन्तु रक्षा मंत्रलाय के अधीन आने वाले विभाग के अधिकारी गरीब कर्मचारियों का शोषण कर उनका उत्पीड़न कर रहे है वहीं ठेकेदार से मिलकर भ्रष्टाचार कर कर्मचारी को मिलने वाले पैसों की भी बंदरबाट कर रहे है।

उन्होंने कहा कि अगर निकाले गए पांच कर्मचारियों को 25 जून तक वापस काम पर नही लिया जाता तो मसूरी की समस्त कर्मचारी संध मिलिटरी इंजीनियरिंग सेवा विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन कर अनिश्चित हडताल के साथ भूख हड़ताल करेगा।

पीड़ित कर्मचारी गिरीश पेटवाल ने कहा कि विभाग के अधिकारियों द्वारा उनका लगातार शोषण किया जा रहा है वह उनके द्वारा जब उनके बकाया प्रोवीडेंट फंड और एएसआई मांगा गया तो अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलकर उनको नौकरी से निकाल दिया। वह उनके द्वारा पूछे जाने पर उनको किसी प्रकार का जबाब नही दिया जा रहा है और वह बहुत परेशान हो गए है व उनको परिवार पर खाने का संकट भी मंडराने लगा है।

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वहीं मिलिटरी इंजीनियरिंग सेवा विभाग के सहायक अभियंता अजय सिंह ने  मीडिया के किसी भी सवाल का उत्तर देने से साफ मना कर दिया उन्होंने कहा कि मीडिया के सवालों के उत्तर देने के लिये उनके अधिशाषी अभियंता विजय कुमार सैनी अधिकृत है वही ठेकेदार के साथ भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के प्रोवीडेंट फंड के सवाल पर सहायक अभिंयता अजय सिंह अपनी बगले झांकते नजर आए।

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