Uttarakhand: लॉकडाउन के बाद क्रिकेटरों का कंप्यूटराइज्ड जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य, BCCI की गाइडलाइन

लॉकडाउन के बीच जहां वायरस से लड़ने को लेकर अहम फैसले लिए जा रहे हैं वहीं कुछ निर्णय इससे हटकर भी लिए गए हैं. खेल की दुनिया की बात करें तो हाल ही में क्रिकेटरों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. उन क्रिकेटरों के लिए जो अपने कागजों के साथ फर्जीवाड़ा करते हैं. आयु व जन्म स्थान की जानकारी में गड़बड़ी करने वाले क्रिकेटरों पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.

सीएयू ने अब क्रिकेटरों के रजिस्ट्रेशन के लिए कंप्यूटराइज्ड जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया है। मैनुअल प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे। लॉकडाउन के बाद यह नियम सख्ती से लागू होगा।

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सीएयू सचिव महिम वर्मा ने जिला एसोसिएशन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जिनमें कहा गया कि बीसीसीआई की इस गाइडलाइन को पिछले वर्ष लागू करने को कहा गया था, लेकिन एसोसिएशन में इसका पालन नहीं हो सका। अब कोताही न बरती जाए।

 

 

कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके मैनुअल जन्म प्रमाणपत्र जमा है। उन्हें लॉकडाउन के बाद कंप्यूटराइज्ड प्रमाणपत्र जमा कराना होगा।

 

 

क्यों जरूरी है यह नियम

रजिस्ट्रेशन कराने वाले कई खिलाड़ियों की आयु व जन्म स्थान को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं। आरोप लगते रहे कि उन्होंने फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र बनवाए। इसमें आयु गलत दर्शाना व मूलरूप से यहां का न होने के आरोप भी शामिल रहे। इसलिए कंप्यूटराइज्ड प्रमाणपत्र बनने के बाद गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी।

 

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