UP वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रो. जेपी सिंह ने एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी वाला बनाया फिल्टर, पढ़े पूरी खबर

री-साइकल पॉलिस्टर फाइबर पर एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी वाली नैनो सिल्वर कोटिंग से तैयार छन्नी पानी से क्रोमियम और लेड जैसे केमिकल व भारी तत्वों का भी सफाया करेगी। इस छन्नी को उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रो. जेपी सिंह ने तैयार किया है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये 100 फीसद पानी बचाएगी जबकि आरओ व अन्य तरीकों से शुद्धिकरण में 40 फीसद तक पानी बर्बाद हो जाता है। इसका इस्तेमाल ऐसे फिल्टर में होगा जिसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी। नैनो तकनीक से बनी छन्नी को पेटेंट कराने की तैयारी है। प्रो. सिंह ने बताया कि ये छन्नी बनाने का खर्च 100 से 150 रुपये तक आएगा। यह कीमत फिल्टर के दाम में ही जुड़ जाएगी और फिल्टर की कीमत भी ज्यादा नहीं बढ़ेगी।

अभी बिना बिजली के पानी छानने वाले फिल्टर की कीमत 1500 रुपये व उससे ऊपर होती है, जबकि यह फिल्टर महज 800 रुपये में तैयार हो जाएगा। इसमें मुख्य छन्नी के साथ दो सहायक छन्नियां लगाई जाएंगी। करीब 50 से 100 रुपये के बीच बनने वाली सहायक छन्नियों को एक निश्चित समय के बाद बदलने की जरूरत होगी जबकि मुख्य छन्नी करीब दो साल तक पानी शुद्ध करती रहेगी।

सिल्वर कोटिंग से खत्म होंगे हानिकारक तत्व

प्रो. सिंह ने बताया कि कपड़े पर नैनो सिल्वर कोटिंग करके छिद्रों को इतना छोटा कर दिया गया है कि उसमें बैक्टीरिया व हानिकारक तत्व फंस जाएंगे। सिल्वर में एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होने के कारण इसका इस्तेमाल किया गया है। पानी शुद्ध होने के बाद उसमें वह सभी तत्व भी मौजूद रहेंगे जो शरीर के लिए जरूरी हैं जबकि सामान्य फिल्टर में ऐसे कई तत्व हैं तो जल शुद्ध होने की प्रक्रिया में नष्ट हो जाते हैं या छानकर अलग कर दिए जाते हैं।

अगले साल तक फिल्टर में होने लगेगा इस्तेमाल

प्रो. सिंह ने बताया कि प्रयोगशाला व फिल्टर पर टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। अब इसके इस्तेमाल के लिए फिल्टर कंपनियों से बात की जा रही है। अगले साल तक आम जन को छन्नी वाला वाटर फिल्टर मिलने की संभावना है।

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