UP चुनाव जीतने के लिए भाजपा की नई रणनीति

एजेन्सी/अगले साल उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने मुद्दों से इतर उन कार्यकर्ताओं को आर्थिक मजबूती देने की रणनीति बनाई है, जो बूथ लेवल मैनेजमेंट से जुड़े हुए हैं। पार्टी का मानना है कि बूथ लेवल पर काम करने वाले कार्यकर्ता अगर आर्थिक रूप से मजबूत बना दिए जाएंगे तो वे पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के लिए जान लड़ा सकते हैं। पार्टी ने इसके लिए उपभोक्ताओं के बीच सक्रिय ग्राहक पंचायत को तेजी से काम करने के लिए कहा है।

रोजगार की चिंता से मुक्त हों कार्यकर्ता

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, करीब दो माह पूर्व ऐसे कार्यों की सूची बनाने को कहा गया था, जिनके लिए केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय समेत अन्य मंत्रालय विभिन्न योजनाओं के जरिए अनुदान और ऋण देते हैं। इसके अलावा उपभोक्ता मामलात विभाग की उन योजनाओं की जानकारी भी मांगी गई जिनमें उपभोक्ता जागरूकता के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। 

पार्टी का आंकलन है कि भाजपा में मोदी फैक्टर के चलते ऐसे कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या है, जो बेरोजगार अथवा अद्र्घ बेरोजगारी की स्थिति में है और रोजगार की चिंता के चलते वे पार्टी के लिए पूर्णकालिक तौर पर काम नहीं कर पाते। ऐसे कार्यकर्ताओं को अनुदान और ऋण दिलाकर रोजगार की चिंता से मुक्त कर दिया जाए तो वे पार्टी के लिए जी-जान लड़ा सकते हैं।

होती है समीक्षा

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय में उत्तरप्रदेश के ऐसे आवेदनों की प्रत्येक पखवाड़े में समीक्षा की जाती है। उम्मीद है कि चुनाव की घोषणा होने तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के बूथ लेवल तक सक्रिय कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से को आर्थिक रूप से मजबूत बना दिया जाएगा।

लघुु स्टार्टअप से रोजगार पर भी नजर

विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान व ऋण आधारित योजनाओं के जरिए स्वयं का लघु स्टार्टअप शुरू करने वाले पार्टी कार्यकर्ता एक से पांच व्यक्तियों को रोजगार देने में भी सक्षम हो जाएंगे। ऐसे लोगों को आसानी से भाजपा का समर्थक बनाया जा सकेगा। पार्टी का मानना है कि लघु स्टार्टअप योजना को सही तरीके से आकार दिया गया तो पार्टी को ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़त मिलना तय हो जाएगा और उत्तर प्रदेश में भाजपा को ग्रामीण इलाके में ही समर्थन की सर्वाधिक जरूरत है।

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