कछुए की अंगूठी पहनने से मिटेंगे सभी दुख-दर्द, बस जानें पहनने का सही तरीका
जैसे कि हमारे देश में वास्तु शास्त्र का महत्व है ठीक वैसे ही चीन में फेंगशुई का महत्व है। जैसे कि हम सभी हर एक चीज के लिए वास्तु पर आधारित है ठीक वैसे ही चीन के लिए इस सभी के लिए फेंगशुई पर विश्वास रखते हैं। देश कोई भी हो लेकिन लोगों का इस सभी पर विश्वास अटूट है। आजकल फेंगशुई की चीजों का महत्व हमारे देश में भी काफी बढ़ गया है। आज हम आपको कछुए की अंगूठी के बारे में बताने जा रहे हैं।
कछुए की अंगूठी का हमारे वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व है। इसकी अंगूठी हमेशा घर में सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने देती है साथ में नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकालने मे भी मदद करती है।
भारतीय समाज में कछुए की अंगूठी को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इस लिहास से यह भी जुड़ गया है कि अगर आपको घर में लक्ष्मी का आर्गमन चाहिए तो आपको इस अंगूठी को धारण करना होगा।
साथ ही इस अंगूठी को हमेशा दाये हाथ में पहनना चाहिए। इस अंगूठी को कभी भी अपने बाएं हाथ में पहनने की गलती नही करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको अंगूठी का उचित लाभ नहीं मिलेगा।
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कछुआ शान्ति और धैर्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए इसकी अंगूठी पहनने से मनुष्य के अंदर धैर्य और शान्ति आती है।
कछुए की अंगूठी को केवल चांदी की धातु से ही बनवाना चाहिए तभी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
कछुए की अंगूठी को हमेशा तर्जनी और बीच की उंगली में पहनना चाहिए।
कछुए की अंगूठी पहनते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इस अंगूठी में कछुए का सिर बाहर की तरफ हो और बाकी का शरीर बाहर की तरफ।