त्रिपुरा स्थानीय निकाय उप चुनावों की घोषणा, रणबांकुरों की तलाश में जुटे सभी दल

अगरतला। त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों की खाली पड़ी 3,386 सीटों पर 30 सितंबर को उप चुनाव कराने की शनिवार को घोषणा की। त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयुक्त जी. कामेश्वर राव ने मीडिया को बताया, “ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की 3,386 खाली सीटों पर उप चुनाव 30 सितंबर को होंगे और वोटों की गणना तीन अक्टूबर को की जाएगी।”

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उन्होंने कहा, “निर्वाचित प्रतिनिधियों के इस्तीफे और मौत के कारण उप-चुनावों की जरूरत पड़ी है। उप-चुनावों की अधिसूचना चार सितंबर को जारी की जाएगी।”

त्रिस्तरीय स्थानीय ग्रामीण निकायों की 3,386 खाली सीटों में से ग्राम पंचायतों की 3,207 सीटों, पंचायत समितियों की 161 सीटों और जिला परिषदों की 18 सीटों पर चुनाव होगा।

स्थानीय ग्रामीण निकायों के उप-चुनावों की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर ‘विपक्षी दलों से संबंधित निर्वाचित प्रतिनिधियों को जबरन इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने के लिए’ उसकी आलोचना की।

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माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बिजन धर ने मीडिया को बताया, “मार्च में भगवा दल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद माकपा और अन्य गैर भाजपाई दलों के कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 96 प्रतिशत को भाजपा नेताओं और कार्यकताओं के डर के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।”

भाजपा नेताओं ने इन आरोपों से सिरे से नकार दिया और कहा कि ज्यादातर निर्वाचित प्रतिनिधियों ने या तो अपने आप से इस्तीफा दिया या माकपा ने खुद उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था।

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भाजपा प्रवक्ता मृणाल कांति देब ने बताया, “अधिकतर मामलों में माकपा ने त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों को इस्तीफा दिलाया ताकि ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य बाधित हो और भाजपा सरकार को असहज स्थिति में डाला जा सके।”

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/CZCGvr4E0Ew

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