Tokyo Olympics 2020 : मीरा ने रचा इतिहास, महज 12 साल की उम्र में ही हो गया था ताकत का अहसास
टोक्यो ओलंपिक के दूसरे ही दिन भारत का पहला खाता खुल गया हैं। मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में महिला 49 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। मीराबाई ने स्नैच में 87 किलो, जबकि क्लीन एंड जर्क में 115 किलो का भार उठाया और कुल 202 किलोग्राम का भार उठाया। इसे इतिहास के पन्नों में इस लिए दर्ज किया गया क्योंकि ओलंपिक खेले में भारत का ये पांचवा सिल्वर मेडल है। बता दें कि मीराबाई चानू दूसरी महिला वेटलिफ्टर हैं, जिन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीता है। मीराबाई चानू टोक्यो ओलंपिक्स में वेटलिफ्टर के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वालीं एकमात्र खिलाड़ी हैं। आइये जानते है मीराबाई चानू के बारे में:
कौन है मीराबाई चानू?
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त, 1994 सुदूर के मणिपुर में हुआ था। मीराबाई के पांच भाई-बहन हैं। महज 12 साल की उम्र में अपनी ताकत का अहसास हो गया था। चूल्हा जलाने के लिए अक्सर परिवार को लकड़ियां चुनकर लाना पड़ता था। मीराबाई बेहद आसानी से भारी-भारी लकड़ी के गठ्ठर को कंधे पर उठाकर ले आती थी जबकि उसके भाई को इसमें कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। एक इंटरव्यू में मीरा ने बताया कि उनके सभी भाई-बहन फुटबॉल खेलना पसंद करते थे। मगर उन्हें कपड़े गंदे करना पसंद नहीं था, इसलिए वह कोई ऐसा खेल चुनना चाहती थी, जिसमें कपड़े गंदे न हों। फिर उन्होंने तीरंदाजी में अपना करियर बनाने को सोचा। साल 2008 में उन्होंने ट्रायल भी दिया लेकिन उस दिन उन्हें कोई ट्रेनिंग नहीं मिली। तब 8वीं कक्षा में उन्होंने एक किताब में भारत की महान वेटलिफ्टर कुंजरानी देवी की सफलता की कहानी पढ़ी। बस यहीं से वेटलिफ्टर कुंजरानी को प्रेरणा मानकर ही चानू को भी वेटलिफ्टिंग में दिलचस्पी हुई थी।
कॉमनवेल्थ में सिल्वर और गोल्ड दोनों जीता
मीराबाई चानू ने साल 2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। इस कैटेगरी का गोल्ड भी भारत के खाते में ही आया था। 2016 के रियो ओलंपिक गेम्स के क्वालीफाई मैच में मीराबाई चानू ने उनकी आदर्श वेटलिफ्टर कुंजरानी को हराकर रियो ओलंपिक गेम्स में अपनी जगह बनाई।
देश का नाम किया रोशन
मीराबाई ने 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया था। उन्होंने 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था।