Tokyo Olympics: नई तारीखों के लिए सारे विकल्प खुले हैं, नया कार्यक्रम बनाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा- IOC अध्यक्ष

कोरोना वायरस  के आतंक को देखते हुए टोक्यो ओलंपिक स्थगित हो चुका है. कई लोगों के विरोध के बाद जापान अपने बात पर जहां टस से मस नहीं हो रहा था वहां अब ये फैसला ले लिया गया है.
टोक्यो
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक ने कहा है कि स्थगित हो चुके टोक्यो ओलंपिक की नई तारीखों के लिए सारे विकल्प खुले हैं। टोक्यो ओलंपिक शांतिकाल में स्थगित होने वाले पहले खेल हैं। बाक ने नई तारीखों की घोषणा नहीं की थी, लेकिन कहा था कि 2020 के बाद पर 2021 की गर्मियों से पहले खेल होंगे।
उन्होंने कहा कि सिर्फ गर्मियों में ही कराने की पाबंदी नहीं है। सभी विकल्प खुले हैं। खेलों के स्थगित होने का मतलब है कि सभी पक्षों को बलिदान करने होंगे। आईओसी की भूमिका खिलाड़ियों के ओलंपिक स्वप्न साकार करने की है। उन्होंने स्वीकार किया कि टोक्यो ओलंपिक रद्द करने पर भी बातचीत और गौर किया गया था, लेकिन मैं शुरू ही से कहता आया हूं कि खेलों को रद्द करने के पक्ष में आईओसी नहीं है।

खेलों के 2021 में होने से अब नया कार्यक्रम बनाना काफी चुनौतीपूर्ण है। इस मसले की समीक्षा के लिए हेयर वी गो कार्यबल बनाया गया है। बृहस्पतिवार को 33 अंतरराष्ट्रीय महासंघों से कांफ्रेंस कॉल के जरिये बात की जाएगी। सबसे पहले देखना होगा कि क्या विकल्प है। हमें ओलंपिक खेलों के आसपास का खेल कैलेंडर भी ध्यान में रखना होगा। हमारे पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं हैं। हमें इसे हकीकत बनाने के लिए किसी के सहयोग की जरूरत है क्योंकि इस धरती पर ओलंपिक सबसे मुश्किल आयोजन है। हम आप सभी को सर्वश्रेष्ठ स्थिति और सुरक्षित माहौल देना चाहते हैं। इसलिए हमें थोड़ा समय दीजिए की हम इस मुश्किल स्थिति में से कैसे निकलें।

इंसानियत की जीत के जश्न के तौर पर खेले जाएंगे खेल

बाक ने कहा कि आप इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं कि आप अपने ओलंपिक सपने को पूरा करेंगे। जरा सोचिए हम सभी के लिए यह कितनी बड़ी बात होगी। जब हम कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपट लेंगे तब यह ओलंपिक खेल अंतत: इंसानियत की जीत के जश्न के  तौर पर खेले जाएंगे।

स्थगित नहीं रद्द किए जाएं ओलंपिक

जापान में ओलंपिक स्थगित होने से भले ही कई निराश होंगे लेकिन एक छोटा सा समूह ऐसा भी है जो खेलों को रद्द करने की मांग कर रहा है। जापान में ओलंपिक खेल विरोधी इस समूह ने ट्वीट किया, ‘हम स्थगन नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि ये खेल रद्द हों।’

मंगलवार को खेल स्थगित करने की घोषणा के कुछ मिनट बाद ही चंद प्रदर्शनकर्ता शहर के बीच जमा हो गए। इनमें से एक तोशियो मियाजाकी ने कहा, ‘हम विभिन्न कारणों से हर महीने रैली कर रहे हैं। हमें खेलों के व्यवसायीकरण से चिढ़ है। हम टोक्यो ओलंपिक के खिलाफ हैं।’

टोक्यो स्थानीय प्रशासन के लिए काम करने वाले मियाजाकी ने कहा, ‘कोरोना वायरस के कारण खेल स्थगित हो गए हैं, लेकिन जापान के लोगों को दोबारा सोचना चाहिए कि क्या ओलंपिक कराना वाकई जरूरी है।’ प्रदर्शन में शामिल कुमिको सुडो को इस बात से नाराजगी है कि खेलों के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने की कवायद में बेघरों से अस्थायी शिविर भी छीन लिए गए। जापान में इन खेलों को ‘रिकवरी ओलंपिक’ कहा जा रहा है जिसके जरिये यह दिखाना चाहते हैं कि भूकंप, सुनामी और परमाणु रिसाव की त्रासदी झेलने के बाद भी देश ओलंपिक का आयोजन कर पाने में सक्षम है। कुछ लोगों का हालांकि यह मानना है कि यह पैसा तबाही झेल चुके लोगों के काम आना चाहिए था।

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