तीन तलाक कानून के विरोध में उतरे मुस्लिम संगठन, केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

रिपोर्ट- कुमार रहमान

बरेली। केंद्र सरकार के तीन तलाक कानून का विरोध शुरू हो गया है। कानून को बरेलवी उलेमाओं ने शरीयत में दखल मानते हुए इस कानून को चुनौती देने की घोषणा की है। दरगाह आला हजरत स्थित नूरी महमान खाना में तीन तलाक़ के सम्बन्ध में उलेमाओं और बुद्धिजीवियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता रज़ा एकेडमी मुम्बई के महासचिव मौलाना सईद नूरी ने की। बैठक में केंद्र सरकार के लाए गए तीन तलाक के अध्यादेश को मुसलमानों के मज़हवी और शरई मामलों में दखल बताया गया।

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बैठक में फैसला हुआ है कि तीन तलाक के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इसके लिए वकीलों से बात की जा रही है। बैठक में  मौलाना सईद नूरी ने कहा कि केन्द्र सरकार जान बूझकर मुसलमानों को परेशान कर रही है। तीन तलाक़ के अलावा भी देश में गौ रक्षा के नाम पर असामजिक तत्व मुसलमानों को जगह जगह निशाना बनाकर मार रहे हैं। लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटनाएं देश हित में नहीं हैं। इससे दोनों सम्प्रदायों में नफरत की भावना पैदा हो गई है। मौलाना ने सऊदी हुकूमत के उस फैसले पर भी एतराज़ जताया है जिसमें साऊदी हुकूमत ने आदेश जारी करके कहा है कि एक बार से ज्यादा मक्का और मदीना शरीफ़ का उमरा करने वाले लोगों पर दो हजार  रियाल फीस ज्यादा देना होगा। इस अधिक वसूली को वापस  लिया जाए।

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मौलाना ने चाइना सरकार द्वारा मुसलमानों को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि चीन की हुकूमत मस्जिदों और मदरसों को बंद कर रही है। इस्लाम के अनुयायियों को पकड़ पकड़ कर जबरदस्ती ब्रेन वाश करके इस्लाम को छोड़ने और कम्यूनिज्म के नजरियात को दिलो दिमाग में बैठाने पर जोर दिया जा रहा है। इस तरह की कार्यवाही अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लघंन है। अगर चाइना की सरकार बाज नहीं आई तो हिंदुस्तान के मुसलमान विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। तन्जीम उल्मा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने बताया कि बहुत जल्द सऊदी और चीनी दूतावास पर प्रदर्शन किया जाएगा। विदेश मंत्री से मिलकर इस सम्बन्ध में ज्ञापन दिया जाएगा।

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