पैदल पुल में घोटाला, लाखों रूपए के बजट में सिर्फ पुराना सामान हुआ इधर से उधर

रिपोर्ट- हर्षमणि

घंसाली। घनसाली विधानसभा के चामा-भटवाडा के पैदल पुल की स्थिति आज लघभग 4 लाख  रुपये जिला पंचायत टिहरी द्वारा खर्च होने के बावजूद भी नहीं बदल पायी है ,अब इसे विकास कहें या विनाश। चामा-भटवाडा का पैदल पुल आज भी जर्जर सा दिख रहा है। घनसाली विधानसभा के केमर पट्टी के लघभग 22 गांव को जोड़ने वाला भटवाडा-चामा पुल आज भी जीर्ण शीर्ण -जर्जर बना हुआ है। यह पुल 60 के दशक का बना हुआ है गौर करने वाली बात यह है की 60 की दशक का बना ये पुल आज भी आवाजाही के लिए निरंतर कार्य कर रहा है आज तक इसपर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है।

जर्जर पुल

रोजाना इस पुल से कई स्कूली बच्चे-ग्रामीण और अन्य सामग्री का आना जाना होता है केमर घाटी को अपर केमर से जोड़ने वाला एक मात्र पैदल नजदीकी पुल है, अगर यह भी टूट गया तो पलायन की गति और तीव्र हो सकती है। कई गांव को जोड़ने वाला यह पैदल पुल बरसात के महीने में कई गांव के लिए जीवनयापन का सहारा बना रहता है।

हाल ही में जिला पंचायत  टिहरी द्वारा  लघभग 4 लाख की लागत से इस पैदल पुल की मरम्मत की गयी। लोगों का आरोप पुराने सामान को वहीं पर दुबारा लगाया गया है सिर्फ उसकी जगह बदल दी गई है। पुल देखने से साफ़ हो रहा है की आज भी पुल की हकीकत नहीं बदली है।

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काफी समय पहले हमारे द्वारा इस पुल की जर्जर हालत को दिखया गया था जिस पर कार्यवाही भी हुई लेकिन अब देखने से लग रहा है की उक्त पैदल पुल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। इस पुल के जूनियर अभियन्ता अजय पंवार से हुई बात के अनुसार जितना पैसा उन्हें मिला उतने का कार्य उन्होंने किया।

 

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