आतंकवाद वित्तपोषण मामले में सलाहुद्दीन के आवास पर छापेमारी

आतंकवादनई दिल्ली| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छह साल पुराने आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में गुरुवार को कश्मीर घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के आवास पर छापेमारी की। एनआईए के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “एनआईए ने आज सुबह (गुरुवार) बडगाम जिले के सोइबुग गांव में शाहिद के घर पर छापेमारी की। यह तलाशी प्रक्रिया अब खत्म हो गई है।”

उन्होंने बताया, “हमने इस दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और कई दस्तावेज जब्त किए हैं।”

यह छापेमारी एनआईए द्वारा दिल्ली में राज्य सरकार के कर्मचारी शाहिद (42) की गिरफ्तारी के दो दिन बाद हुई है।

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शाहिद को 2011 के आंतकवाद के वित्तपोषण मामले में पूछताछ के लिए एनआईए मुख्यालय बुलाया गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यह मामला आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान और सऊदी अरब में मौजूद आतंकवादियों द्वारा हवाला के जरिए जम्मू एवं कश्मीर में पैसा भेजने से संबंधित है।

एनआई का कहना है कि शाहिद पिछले कई वर्षो से हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी ऐजाज बट से हवाले के जरिए पैसा जुटा रहा था। श्रीनगर निवासी फिलहाल सऊदी अरब में रह रहा है।

शाहिद ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उसे उसके पिता के निर्देश के आधार पर हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्यों से पैसा मिलता है। उसने हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े अपने सहयोगियों के नाम का भी खुलासा किया, जो विदेशों से पैसे जुटाने में शामिल थे।

एनआईए ने 2011 के इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर किए हैं। इन चारों में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का एक निकट सहयोगी गुलाम मोहम्मद बट, मोहम्मद सिद्दीक गनई, गुलाम जिलानी लिलू और फारुख अहमद डागा हैं, जो फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।

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इनमें से दो आरोपी मोहम्मद मकबूल पंडित और एजाज बट फरार हैं और उन्हें भगोड़ा करार दे दिया गाय है। पंडित हिजबुल मुजाहिद का सक्रिय आतंकवादी है, जो फिलहाल पाकिस्तान में है।

गुलाम मोहम्मद बट, गनई, लिलू और डागा को 22 जनवरी, 2011 को गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से 21.20 लाख रुपये बरामद किए गए थे।

उनकी गिरफ्तारी के बाद एजाज बट, शाहिद को पैसे भेजता था।

एनआईए अधिकारी ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के बेटे को 2011, 2012, 2013 और 2014 में कम से कम चार किश्तों में पैसा मिला था।

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