सुप्रीम कोर्ट ने भी माना ‘आधार’ को पूर्णतः सुरक्षित, इस पर सवाल उठाना होगा असंवैधानिक

नई दिल्ली| बुधवार का दिन सुप्रीम कोर्ट से आ रहे कई फसलों की वजह से काफी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। जहां sc/st के लिए सरकारी नौकरी में प्रमोशन के लिए आरक्षण की मांग को ठुकरा दिया है। इसे भी एक ऐतिहासिक फैसला कहा जायेगा। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को sc/st के लिए राज्यों को छूट दे रखी है कि वे चाहें तो आरक्षण दे सकते हैं। वहीँ दूसरी ओर आधार की संवैधानिक वैधता और इसे लागू करने वाले वर्ष 2016 के कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर साढ़े चार महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। यह वर्ष 1973 में केशवनंद भारती के ऐतिहासिक मुकदमे के बाद इसे सुनवाई के हिसाब से दूसरा लंबा मुकदमा माना गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना 'आधार' को पूर्णतः सुरक्षित, इस पर सवाल उठाना होगा असंवैधानिक
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई मायने में बेहद अहम होगा, क्योंकि अब तक देश में 1.21 अरब लोग आधार बनवा चुके हैं और बैंक खातों में सीधे सब्सिडी से लेकर तमाम अन्य तरह की लाभ योजनाओं को लागू करने में इसे बेहद अहमियत दी गई है।

इस मामले में पूर्व हाईकोर्ट जज केएस पुत्तास्वामी समेत करीब 31 याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई की थी। इन सभी का कहना था कि आधार योजना शीर्ष अदालत की 9 सदस्यीय सांविधानिक पीठ की तरफ से निजता के अधिकार पर दिए गए फैसले का उल्लंघन है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली मैराथन सुनवाई के बाद गत 10 मई को इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

LIVE TV