ऐसा शहर जहां थकान से मिलता है आराम, फूल खुद झुककर करते है स्वागत

सुखना झीलघूमने की बात आते ही परिवार के कुछ लोग ऐसी जगह घूमना चाहते है जो आधुनिक हो तो कुछ लोग प्राकृतिक का सौंदर्य का आनंद लेना चाहते है। ऐसे में हम इसी बीच फंस कर कभी कभी अपना प्लान ही कैंसिल कर देते है। अगर हम कहें कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां आपको आधुनिकता के साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति की परंपराएं भी बखूबी नज़र आएगी तो आप चौंक जांएगे। जी, हां बिल्कुल ऐसा ही एक शहर चंडीगढ़ है जहां आपके बच्चों को मार्डन सुविधाएं मिलेंगी तो वहीं आपको भारतीय संस्कृति भी साफ नज़र आएगी। यूं तो चंडीगढ़ में घूमने लायक कई जगह मौजूद है लेकिन इन सब में सुखना झील पर्यटकों की पहली पसंद है।

सुखना झील

शिवालिक की पहाडि़यों के दामन में बहते बरसाती बड़े नदीनुमा नाला और सुखना रो पर यह बांध बना है। इस बांध पर चालीस फुट का एक पैदल रास्ता बनाया है जिसके चारों ओर पेड़-पौधों की भरमार है। यहां कटावदार सीढि़यां तो हैं, लेकिन आम रास्ता नहीं है और यह स्थिति इसे एक उम्दा और खूबसूरत सैरगाह बनाती है। शहरवासियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यहां शाम के समय डूबते सूर्य के साथ आंख मिचौली खेलते उमड़ते- घुमड़ते बादलों का झुरमुट बहुत सुंदर लगता है।

फूल करते है झुककर लोगों का स्वागत

सारे शहर में सड़कों के किनारे अमलतास, गुलमोहर, सावनी, पोयनसंटिया, कचनार के पेड़ इस प्रकार लगवाए है कि सड़कों के किनारे लगे ये पेड़ हर मौसम में फूलों से लदे दिखें और आते-जाते लोगों का झुककर स्वागत करें। यहां हर चौराहे को अत्यंत उत्कृष्ट सजावटी पौधों से इस प्रकार संवारा गया है कि पर्यटक शहर में कदम रखते ही सफर की थकान भूल जाते हैं।

एडवेंचर से भरपूर यह झील

सुखना झील में एशियन रोइंग चैंपियनशिप का भी आयोजन किया जाता था। एशिया के सबसे लंबे रोइंग और याटिंग चैनल के रूप में भी इस झील की प्रसिद्धि है। यह झील स्कीइंग, सर्फिंग और स्कलिंग जैसे अन्य वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए भी काफी लोकप्रिय है। झील के निर्मल वातावरण में आप पिकनिक, बोटिंग और मेडिटेशन के लिए जा सकते हैं।

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