प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, आंदोलन की दी चेतावनी

रिपोर्ट- अवनीश कुमार

लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रताड़ना और शोषण का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि सरकार चिकित्सकों को प्रोत्साहन देने के बजाय चिकित्सकों के मौलिक अधिकार को छीन रही है। संघ ने चेतावनी दी है कि ऐसा ही रहा तो प्रदेश के चिकित्सक आंदोलन को बाध्य हो जायेंगे।

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प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ ने सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि लम्बे समय से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग तथा दंत संवर्ग में विभागीय प्रोन्नतियां नही हो पाई है जबकि विभिन्न स्तरों पर प्रोन्नति हेतु पात्र चिकित्सक भारी संख्या में मौजूद हैं। जबकि कार्मिक विभाग के शासनादेश के अनुसार सभी विभागों में साल में दो बार प्रोन्नतियां की जाने की व्यवस्था दी गयी है।

पीएमएस के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार यादव ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय सहित राजकीय स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यप्रणाली, प्रशासनिक अराजकता की ओर बढ़ गयी है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के सरकार के संकल्प, निष्प्रभावी हो रहे हैं। उन्होंने बताया की प्रान्तीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग तथा दंत संवर्ग को प्रैक्टिस बन्दी वेतन, सातवे वेतन आयोग के क्रम में प्राप्त मूल वेतन का 35 प्रतिशत दिया जाना सुनिश्चित किया जाये।

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वहीं पीएमएस के महामंत्री डॉ अमित सिंह ने बताया कि राज्य की सेवा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी हैं तथा उपलब्ध आकड़े यह स्पष्ट रूप से सिद्ध करते हैं कि विगत दो दशकों में विशेषज्ञ चिकित्सक, राज्य की सेवाओं से लगभग पूरी तरह विरत हो चुके हैं और कई प्रकार के सरकारी प्रयास उन्हें राजकीय सेवाओं के प्रति आर्कषित करने में लगातार विफल हो रहे है।

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