ISRO के पूर्व वैज्ञानिक नारायणन को 50 लाख मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक एस. नांबी नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। नारयणन को जासूसी के झूठे मामले में फंसाया गया था और इस वजह से उन्हें जेल और अपमान झेलना पड़ा था।

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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने मुआवजे का आदेश देते हुए इस मामले से जुड़े अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए एक समिति के गठन का भी निर्देश दिया जिनके लिए नांबी ने कहा था कि इन लोगों ने ही उन्हें कथित इसरो जासूसी मामले में फंसाया था।

समिति का नेतृत्व एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें केंद्र व केरल सरकार के एक-एक प्रतिनिधि होंगे।

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अदालत का यह फैसला नांबी द्वारा केरल पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा उन्हें झूठे मामले में फंसाए जाने की याचिका पर आया है।

नांबी नारायणन ने शीर्ष अदालत में केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के 90 के दशक के मध्य में हुए इस मामले में वैज्ञानिक को कथित रूप से फंसाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई न करने का फैसला बरकरार रखा था।

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