‘तितली’ से निपटने में सक्षम ओडिशा सरकार, अगले 24 घंटे होंगे अहम

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने गुरुवार को चक्रवाती तूफान तितली के मद्देनजर जिला अधिकारियों को तैयार रहने और जान माल की हानि से बचने के लिए कहा है। तूफान के 11 अक्टूबर को ओडिशा तट से गुजरने की आशंका है। भारतीय मौसम विज्ञान-विभाग(आईएफडी) के अनुसार, “बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और 11 अक्टूबर को सुबह गोपालपुर और कलिंगपत्तनम के बीच ओडिशा और उत्तर आंध्रप्रदेश के तट को पार करेगा।”

ओडिशा सरकार

विशेष राहत आयुक्त बिष्णुपद सेठी ने गंजाम, खोरधा और पुरी में तट के समीप रहने वालों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित जगहों पर ले जाने के आदेश दिए हैं।

सेठी ने कहा, “गजपति, गंजाम, खोरधा, नयागढ़ और पुरी में झुग्गी-झोपड़ियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा कच्चे घरों में रहने वालों को भी चक्रवाती तूफान/बाढ़ शिविरों और अन्य सुरक्षित इमारतों में ले जाया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि अन्य जिलाधिकारी भी अपने संबंधित क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा करेंगे और खतरे की स्थिति में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाएंगे।

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उन्होंने कहा, “चक्रवाती तूफान आने से पहले बूढ़े, अक्षम, महिलाओं व बच्चों को निश्चित ही आश्रय गृहों में पहुंचाने से पहले विशेष देखभाल की जाने की जरूरत है। इसके साथ ही मुफ्त रसोई के जरिए पके हुए भोजन, साफ पीने का पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति की व्यवस्था की जाए। बिजली की व्यवस्था भी की जाएगी।”

उन्होंने आदेश दिया कि सभी चक्रवाती तूफान और बाढ़ आश्रयगृहों को तत्काल जांचा-परखा जाए और लोगों को यहां लाए जाने की स्थिति में घरों को तैयार रखा जाए।

सेठी ने कहा कि पालतू पशुओं को अतिसंवेदनशील क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित जगह पर ले जाया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि जिला आपात अभियान केंद्र और नियंत्रण कक्षों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।

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सेठी ने कहा कि चक्रवाती तूफान के साथ बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है, इसलिए बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

सेठी ने कहा कि विशेष राहत संगठनों के कम से कम 300 इंजनयुक्त नौकाओं को विभिन्न जिलों में तैयार रखा गया है, जबकि एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमों और दमकल कर्मियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।

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