सचमुच गजब है इस आदमी का पत्रकारिता के लिए जुनून, 17 सालों से…

लखनऊ। आजकल जहां पूरा देश डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में यदि कोई आपसे कहे ये लो कागज और पेन इसमें देश में हुई घटनाओं को लिखकर लाओ। देश की बात जाने दें आप आस-पड़ोस की घटना को पेन से लिखना आउटडेटड मानेंगे। वहीं सूचनाक्रांति के इस दौर में एक ऐसा शख्स भी हैं। जो समाज के लिए अपने से जो कुछ बन पड़ रहा है, करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर इनकी कहानी जानने के बाद आप कहेंगे कि वाकई में ये एक सच्चे पत्रकार हैं।

पत्रकारिता

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में दिनेश नाम का एक ऐसे पत्रकार हैं, जिनके पास न अपनी छपाई मशीन है, न ही कोई स्टाफ़, मगर फिर भी पिछले 17 सालों से वो अपना हस्तलिखित अख़बार चला रहे हैं।

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इनके अख़बार का नाम ‘विद्या दर्शन’ है। वर्तमान में दिनेश की उम्र 55 साल है, मगर अपने जज़्बे से अभी भी वो 25 साल के युवा दिखते हैं।

सुबह से शाम तक आजीविका के लिए गली-गली आइसक्रीम बेचने का काम करते हैं, लेकिन प्रतिदिन अपने अखबार को लिखने के लिए वे सुबह ढाई से तीन घंटे निकाल लेते हैं। लिखने के बाद दिनेश अखबार की कई फोटोकॉपी कराकर शहर के प्रमुख स्थानों पर खुद ही चिपका देते हैं।

दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपनी मेहनत से एक बेहतर समाज बनाना चाहते हैं। दिनेश उन्हीं लोगों में से एक हैं। बिना किसी की मदद लिए दिनेश अख़बार निकालते हैं।

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दिनेश के मुताबिक, भले ही उनके पास आज के हिसाब से संसाधन नहीं हैं और न ही उनके अखबार का पर्याप्त प्रचार-प्रसार है। फिर भी यदि कोई एक भी उनके अखबार को ध्यान से पढ़ता है और किसी एक के भी विचार-परिवर्तन में उनका अखबार रचनात्मक योगदान देता है तो उनका अखबार लिखना सार्थक है।

दिनेश बचपन से ही वकालत की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। काम करने के अलावा वे सामाजिक कार्यों में भी हाथ बंटाते हैं।

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