अब ऐसे मिलेगा कम पढ़े-लिखे युवाओं को कौशल प्रशिक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में अब कम पढ़े-लिखे युवाओं को भी कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लायक बनाया जाएगा। इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने विश्वविद्यालय को अपने यहां कौशल विकास केंद्र खोलने की अनुमति दे दी है।

कौशल प्रशिक्षण

कम पढ़े लिखे युवाओं के लिए अब विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। एआईसीटीई ने विश्वविद्यालय के 181 कॉलेजों में केंद्र खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। अब युवाओं को तीन महीने का प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाएगा।

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विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कौशल विकास केंद्र अभी तक निजी संस्थाएं ही चलाती थीं। इनके संचालन में कई जगह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसकी रोकथाम की पहल शुरू की थी। इसके तहत मंत्रालय ने एआईसीटीई से सुझाव मांगे थे।

उन्होंने बताया कि एआईसीटीई ने विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेजों में प्रशिक्षण केंद्र खोलने का सुझाव दिया था। इसके लिए अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के 191 कॉलेजों ने आवेदन किया था। जांच के बाद केवल 181 विद्यालयों को ही कौशल विकास केंद्र खोलने की अनुमति मिली है।

विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक इन कालेजों में लगभग 45 हजार युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिल सकेगा। सभी कॉलेजों में अलग-अलग सेक्टर के कोर्स चलाए जाएंगे। इनमें एडमिशन के बाद पहला बैच एक अक्टूबर से शुरू होगा जबकि दूसरा बैच एक जनवरी 2019 से शुरू होगा।

सूत्रों ने बताया कि इस कोर्स के लिए कोई फीस नहीं ली जाएगी। प्रशिक्षण के बदले में कॉलेजों को प्रति छात्र 10 से 12 हजार रुपये हिसाब से प्रतिमाह भेजे जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद युवआों को अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके अलावा विद्यालयों को यह भी जिम्मेदारी होगी कि प्रशिक्षण खत्म होने के बाद युवाओं को रोजगार दिलवाएं।

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विश्वविद्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, विद्यालयों में कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने वालों को आईटी, डॉटा एंटी ऑपरेटर, सिविल निर्माण में फाल्स सिलिंग, वायरमैन कंट्रोल पैनल, नेटवर्क इंजीनियिरिंग, टेलीकॉम शाखा में टॉवर ऑटोमेटिव, लिफ्ट ऑपरेटर, एसी स्पिंट के अलावा सीएनजी ऑपरेटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के मुताबिक, एआईसीटीई से कॉलेजों को कोर्स का संचालन करने की अनुमति मिल गई है। अब कम शिक्षित युवाओं को भी रोजगार पाने लायक प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

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