NGT-“शाम 4 बजे के पहले श्रीश्री जमा करें जुर्माना नहीं तो रद्द होगा कार्यक्रम “

एजेंसी/world-culture-festival-delhi_landscape_1457590861श्रीश्री रविशंकर की संस्‍था आर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने के अवसर पर दिल्ली के यमुना तट पर आयोजित विश्व सांस्कृतिक महोत्सव पर एनजीटी ने भले की पांच करोड़ का जुर्माना लगाया है लेकिन, श्रीश्री का कहना है कि वो जुर्माना नहीं भरेंगे।

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने ये तक कहा है कि वो जेल चले जाएंगे लेकिन जुर्माना नहीं भरेंगे। श्रीश्री का कहना है कि अगर किसी तरह की आपत्ति थी तो पहले बताना चाहिए था। हम कार्यक्रम करते ही नहीं। उनका कहना है कि एनजीटी के इस आदेश को वो न्यायालय में चुनौती देंगे।

इस बीच एनजीटी ने कहा है कि अगर आज शाम चार बजे तक जुर्माने की राशि जमा नहीं की जाती तो कार्यक्रम को दी गई अनुमति रद्द कर दी जाएगी। 

एनजीटी की इस सख्ती के बाद एक बाद फिर से श्रीश्री के इस कार्यक्रम पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। देखना होगा कि एनजीटी के इस आदेश के बाद क्या श्रीश्री अपने कहे से पीछे हटेंगे या कार्यक्रम को रद्द करने के आदेश का सामना करेंगे।

बता दें‌ कि बुधवार को सुनवाई के बाद एनजीटी ने फैसला देते हुए आर्ट ऑफ‌ लिव‌िंग को कार्यक्रम शुरु होने से पहले पांच करोड़ का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया था।दिल्ली विकास प्राधिकरण ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को जानकारी देते हुए बताया है कि अभी तक जुर्माने की राशि जमा नहीं हुई है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने कहा है कि अगर आज शाम चार बजे तक राशि जमा नहीं होती तो सारी गतिविधियां रोक दी जाएंगी।

बता दें कि एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) पर पांच करोड़ जुर्माने के अलावा डीडीए पर पांच लाख और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) पर एक लाख का जुर्माना लगाया था। बेंच ने सभी पक्षों को शाम चार बजे प्रस्तुत होने का भी आदेश दिया है। 

हालांकि आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने कल ही ट्वीट कर कहा था कि एओएल एनजीटी के फैसले से संतुष्ट नहीं है और इसके खिलाफ अपील करेगा।

बेंच ने कहा कि याची मनोज मिश्रा ने 11 दिसंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा और 8 फरवरी 2016 को ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल की थी। इस समयावधि के बीच समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं।

इसलिए हम प्रतिबंध या संरचना को नष्ट करने संबंधी आदेश नहीं दे सकते। साथ ही याची ने 30 जून 2015 को डीडीए द्वारा दी गई मंजूरी को भी चुनौती नहीं दी है।

उधर हाईकोर्ट ने आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम पर बहुत सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पारिस्थितिक दृष्टि से एक आपदा है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की खंडपीठ ने कहा कि पूरे क्षेत्र को समतल कर दिया गया है।

वहां लगी झाड़ियों और पेड़ों को हटा दिया गया है। ऐसे में वहां बाढ़ आ सकती है। आप (सरकार) ने बाढ़ के मैदान पर एक बड़ा पंडाल लगाने की अनुमति दे दी है।

इसके अलावा मयूर विहार एक और एक्सटेंशन स्टेशन पर स्पेशल काउंटर भी लगाए जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को अधिक देर न रुकना पड़े। मयूर विहार फेस एक से होकर मेट्रो फीडर भी निकलती है, जो कि मयूर विहार तीन से शास्त्री पार्क के बीच सेवाएं देती है। यह फीडर मयूर विहार एक्सटेंशन, अक्षरधाम, लक्ष्मी नगर से होते हुए शास्त्री पार्क निकलती है। 

आयोजक नोएडा से शटल चलाने की भी योजना बना रहे हैं, ताकि मेट्रो पर भार कम पड़े। हालांकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। इसके अलावा डीटीसी रूट के संबंध में भी पोस्टर लगाने जा रहे हैं।

 
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