नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया संविदा कर्मचारियों बड़ा झटका, नौकरी पर मंडराया संकट

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश के हजारों संविदा कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि जो पद संविदा के जरिए भरे गए हैं, उस पर सीधी भर्ती की जाए। कोर्ट के फैसले बाद नियुक्ति हासिल कर चुके कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडराने लगा है।

नैनीताल हाईकोर्ट

विनियमितीकरण सेवा नियमावली-2016 के तहत 2011 में नियुक्त हुए और पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अस्थायी व संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का हकदार बनाया गया था।

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कोर्ट के फैसले को हल्द्वानी के एक व्यक्ति ने चुनौती दी है। उनका कहना था कि सरकार अस्थायी कार्मिकों को सीधी भर्ती के पदों पर नियमित नहीं कर सकती। सीधी भर्ती के पदों पर नियमितीकरण से युवा रोजगार से वंचित हो रहे हैं, लिहाजा नियमावली को निरस्त किया जाए।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार द्वारा 2013 और फिर 2016 में विनियमितीकरण सेवा नियमावली बनाई गई थी। लेकिन अब न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मंगलवार को दलीलें सुनने के बाद सरकार की विनियमितीकरण सेवा नियमावली-2016 को निरस्त कर दिया।

वहीँ रावत सरकार का कहना है कि वह कर्मचारियों के साथ है और कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।

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