कर्नाटक के रण में शतरंज की बिसात खेल गए मोदी, पहुंचते ही पलट दिया हवा का रुख 

नई दिल्ली। साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अभी से दांव-पेंच शुरू हो गए हैं। इसकी भूमिका के लिए कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव एक क्रिकेट मैच के सेमीफ़ाइनल की तरह देखे जा रहे हैं।

बता दें कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए 12 मई को मतदान किया जाना है। मतगणना के लिए 15 मई की तारीख तय की जा चुकी है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी प्रबल दावेदारी साबित करने में जुटी हुई हैं।

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कर्नाटक में मोदी

जहां एक ओर भाजपा के लिए इन चुनावों में जीत अपनी दावेदारी को और भी प्रबल करने की है। वहीं कांग्रेस इन चुनावों में अपनी खोई हुई साख को वापस पाने के साथ स्वाभिमान और वर्चस्व के लिए जद्दोजहद कर रही है।

हालांकि इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को कांग्रेस कांटे की टक्कर देने में कामयाब तो रही लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद जीत से एक कदम पीछे छूट गई।

ऐसे में कर्नाटक में होने वाले चुनाव बड़े ही रोमांचकारी भी होंगे। सभी की नज़रें इन दिनों कर्नाटक पर टिकी हुई हैं।

देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि कर्नाटक के दांव में सियासी मैदान किसके पलड़े में सत्ता का ताज गिराता है।

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हालांकि कर्नाटक में जीत की भूमिका बांधने में पीएम मोदी ने खुद कमान संभाल ली है, इसलिए अभी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि जीत किस पाले में करवट लेती है, यह कह पाना अभी उचित भी न होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रण में अपना रंग घोलने की शुरुवात तो कर ही दी है। इस वक्त वे उडुपी में हैं। यहां उन्होंने तीखे तेवरों के साथ कांग्रेस को निशाने पर लिया और भाजपा के कामों का उल्लेख किया।

उन्होंने यहां पूरी तरह से यह भूमिका बांधने की कोशिश की, यदि कर्नाटक की जनता ने राज्य से कांग्रेस की सत्ता को नहीं हटाया तो ये कर्नाटक की जनता का गलत फैसला होगा।

इसलिए कर्नाटक की जनता को कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार को हटा कर भाजपा को सत्ता के आसन पर बिठाना एक बेहतर विकल्प होगा।

खबरों के मुताबिक़ पीएम मोदी ने आज से कर्नाटक में चुनाव प्रचार की शुरुआत की है। मंगलवार सुबह पीएम मोदी ने चामराजनगर में रैली को संबोधित किया। इसके बाद वे अब उडुपी पहुंचे हैं। यहां उन्होंने देवगौड़ा को लेकर राहुल पर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने कहा- देवगौड़ा जब भी दिल्ली आए, मैं उनसे मिला। देवगौड़ा जब मेरे घर आते हैं तो मैं उनकी गाड़ी का दरवाजा खोलकर उनका स्वागत करता हूं। जब वे जाते हैं तो मैं उनको गाड़ी में बैठा कर आता हूं।

उन्होंने कहा कि वे हमारे राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन वे हमारे सम्मानीय नेताओं में से एक हैं। मैंने सुना कि कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) चुनावी सभाओं में देवगौड़ा जी का कैसे उल्लेख कर रहे थे, ये आपका अहंकार है।

अभी तो आपके करियर की शुरुआत हुई है। आप उन्हें अपमानित करते हैं। अभी आपकी जिंदगी की शुरुआत है, उनके आने वाले दिन कितने बुरे हो सकते हैं, आप सोच सकते हैं।

भाजपा सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए पीएम मोदी ने यहां भी विकास और बेहतर भविष्य के सपनो की झलकियां देने वाली मीठी-मीठी बातों से कर्नाटक के दिल में अपनी जगह बनाने की कोशिश की।

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उन्होंने कहा- आजादी के बाद भी गरीबों के नाम पर बैंकों के राष्ट्रीयकरण किए, सत्ता हथियाने के लिए खेल खेले, लेकिन गरीब कभी बैंक के दरवाजे तक नहीं जा सका। हमें दिल्ली में आने का मौका मिला। उडुपी ने देश को बैंक दिया और हमने गरीबों को बैंकों से जोड़ा।

मोदी बोले- 31 करोड़ से ज्यादा, 40 फीसदी आबादी बैंकिंग व्यवस्था से बाहर थी। हमने जनधन योजना के जरिए लोगों के बैंक खाते जीरो बैलेंस से खोले। लोगों ने 80 हजार करोड़ रुपये बैंकों में जमा कर दिए। इन्हें 40-50 साल पहले मौका मिला होता तो उनका भी विकास हो गया होता और देश की अर्थव्यवस्था का भी।

उन्होंने कहा- बैंक में लोन लेने आए लोगों से पूछा जाता था कि गिरवी रखने के लिए क्या है। अगर गरीब के पास कुछ होता तो वह लोन लेने क्यों आता। उसके पास तो जज्बा है, उसे अवसर चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में पांच-छह दशक तक बैंक का पैसा नौजवानों के काम नहीं आया। हमने इस पैसे को नौजवानों से जोड़ा और मुद्रा योजना शुरू की। इससे 12 करोड़ लोन स्वीकृत हुए और करीब 4 लाख

करोड़ रुपये से ज्यादा रकम नौजवानों के हाथ में दिए। कर्नाटक में ही सवा लाख करोड़ लोन स्वीकृत हुए हैं।

वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस पर अपराधिक राजनीति करने का आरोप लगाया। अपनी बातों में उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कर्नाटक में दो दर्जन से अधिक भाजपाइयों की मौत की जिम्मेदार कांग्रेस ही रही। उनका कहना है कि कांग्रेस ने हमेशा हिंसा का ही खेल खेला है और यही उनकी राजनीति का आधार है।

पीएम मोदी ने आगे कहा- हिंसा की मानसिकता की कर्नाटक से और देश से विदाई होनी चाहिए। कर्नाटक का बहुत नाम था, लेकिन कांग्रेस ने इस नाम को बदनाम कर दिया।

अपने बचपन का जिक्र करते हुए पीएम बोले- मैं बहुत छोटा था, तबसे कर्नाटक का नाम सुना करता था। भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए योजना बन रही है और कर्नाटक में कांग्रेस ने ईज ऑफ डूइंग मर्डर कर दिया। ये मेरा खुला आरोप है।

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वहीं गांधी जी की आखिरी इच्छा बताते हुए उन्होंने कहा- गांधी जी की अंतिम इच्छा थी कि कांग्रेस को बिखेर दो। देश में जिन भी राज्यों को मौका मिला उन्होंने यह करके दिखाया। अब कर्नाटक की बारी है।

उन्होंने कहा कि अब कर्नाटक को यह काम करने का मौका मिला है। अगर कर्नाटक में यह हो गया तो गांधी जी का आशीर्वाद कर्नाटक के लोगों को ही मिलेगा।

बता दें कि इससे पहले, चामराजनगर में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राहुल गांधी पर भी सीधा हमला बोला।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे चुनौती दी है कि अगर वह 15 मिनट संसद में बोलेंगे तो मैं वहां बैठ नहीं पाऊंगा, लेकिन वह अगर 15 मिनट बोलेंगे यह भी बड़ी बात है और मैं बैठ नहीं पाऊंगा तो मुझे याद आता है कि क्या सीन है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कांग्रेस के अध्यक्ष के सामने नहीं बैठ सकते हैं, आप नामदार हैं हम कामदार हैं। हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं आपके सामने कैसे बैठेंगे।

पीएम ने तंज कसते हुए कहा, ‘आप (राहुल) जिस भाषा में भी बात कर सकें, हाथ में कागज लिए बगैर कर्नाटक सरकार की उपलब्धियां ही जनता के सामने बोल दीजिए।’

बता दें कर्नाटक की जीत की इस कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी का मंगलवार को तीन रैलियों को संबोधित करने का प्लान है।

समय के साथ चलने की कला में माहिर पीएम मोदी अपने समय को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करके भाजपा के लिए एक बार फिर कर्नाटक का रुख बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं। PM मोदी आज ही कृष्ण मठ का दौरा करेंगे और मठाचार्य से भी मुलाकात करेंगे।

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