वैज्ञानिकों के हाथ लगी ऐसी ताकत कि मुट्ठी में होगी पूरी दुनिया, सबसे आगे होगा सिर्फ भारत

MJE-20 गैस टरबाइन इंजननई दिल्ली : बहुत जल्द भारत भी उन देशों में शामिल होने वाला है, जिन्हें अपना खुद का जेट इंजन विकसित करने का गौरव हासिल है. बेंगलुरु भारत को पहला स्वदेश निर्मित जेट इंजन देने वाला है. जिसका नाम MJE-20 गैस टरबाइन इंजन दिया गया है. इसके लिए बस 24 हफ्तों का वक्त मांगा गया है. अभी तक सिर्फ अमेरिका, यूरोप और इजराइल के पास ये तकनीक मौजुद है. कुल 11 वैज्ञानिकों वाली एक टीम इस इंजन के सर्टिफिकेशन की तैयारियों में जुट चुकी है.

बेंगलुरु की कंपनी इन्टेक डीएमएलएस के तहत काम करने वाली रिसर्च एंड डिवेलपमेंट फर्म पोएर जेट्स प्राइवेट लिमिटेड को इस प्रॉजेक्ट के लिए चुना गया था. जिसके लिए उन्हें 20 करोड़ रुपए दिए गए थे जिनमे से 9 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं. एचएएल जैसी कंपनियों से टाई-अप के बाद मिले अनुभवों से कारण इस कंपनी ने दो साल पहले खुद का गैस टरबाइन इंजन बनाने का फैसला किया था.

इनटेक फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीधर बलराम ने बताया कि,  हमने 8 फरवरी 2017 को पहली बार इंजन शुरू किया था. प्रक्रिया पूरी तरह से कामयाब रही थी अब बस कुछ साधारण टेस्ट करने बाकि रह गए है.  इस इंजन को सर्टिफिकेशन के लिए पेश करने में अगले 24 हफ्तों का वक्त लग सकता है.

श्रीधर ने बताया, MJE-20 एक गैस टरबाइन इंजन है, जो ड्रोन्स में इस्तेमाल किया जा सकता है. इंजन का वजन 2.16 किलो है. क्योंकि ये गैस टरबाइन हैं, इसलिए इनकी मदद से लंबी अवधि की उड़ानें भरी जा सकती हैं. हालांकि, यह इंजन मिलिट्री में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन्स में यूज होने लायक क्षमता वाला नहीं है.

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