मंडेला को हमारा नैतिक दिशासूचक होना चाहिए : सुषमा

संयुक्त राष्ट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंक और घृणित विचारधाराओं से घिरी दुनिया में ‘नेल्सन मंडेला जैसे अग्रणी नेताओं की बुद्धिमत्ता को हमारा नैतिक दिशासूचक होना चाहिए।’ यहां नेल्सन मंडेला शांति सम्मेलन में सोमवार को उन्होंने कहा, “हम भारतीय मंदीबा (नेल्सन मंडेला) को अपने बीच का मानते हैं। हमें उन्हें भारत रत्न कहने में गर्व महसूस होता है।”

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मंडेला को 1990 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

यह शांति सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले सोमवार को नेल्सन मंडेला के जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित की गई। सुषमा ने कहा कि भारत, अफ्रीका और इसके लोगों के साथ करीबी संबंध रखता है।

उन्होंने कहा, “हमारे करीबी रिश्ते मंडेला और महात्मा गांधी के दर्शन से परिलक्षित होते हैं। दोनों लोगों ने अपने लोगों को शांतिपूर्ण संघर्ष के जरिए स्वतंत्रता दिलाई।”

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने मंडेला को ‘मानवता का एक महान नेता कहा’ और दोहराया कि वह हर जगह ‘शांति, क्षमा, विनम्रता, करुणा, गरीमा और मानवधिकार के अगुवा हैं।’

शिखर सम्मेलन में नेताओं ने एक घोषणापत्र में कहा, “हम शांतिपूर्ण, समावेशी व गैर भेदभाव वाले समाजों को बढ़ावा देने के लिए शब्दों से परे जाकर काम करने का संकल्प लेते हैं।”

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