कुशीनगर हादसा : रेलवे ने मानवरहित क्रासिंग हटाने की जताई प्रतिबद्धता

गोरखपुर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में एक मानव रहित क्रासिंग में दर्दनाक रेलवे हादसे के बाद गुरुवार को कहा कि भारतीय रेल मानव रहित स्तर के क्रासिंग को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस हादसे में 13 स्कूली बच्चों की मौत हो गई और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। लोहानी ने नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, “हम मानवरहित स्तर के क्रासिंग को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।”

कुशीनगर हादसा

उन्होंने कहा कि नवीनतम जानकारी के अनुसार कुशीनगर में स्कूली वैन व ट्रेन की टक्कर में 13 स्कूली छात्रों की मौत हो गई। लोहानी ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के मानव रहित दुदही बेहपुरवा रेलवे क्रासिंग पर गुरुवार सुबह गोरखपुर-सिवान पैसेंजर ट्रेन की स्कूली बच्चों से भरी वैन से टक्कर हो गई, जिसमें कम से कम 13 बच्चों की मौत हो गई।

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लोहानी ने यात्रियों को मानवरहित क्रासिंग से गुजरते वक्त सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा, “वस्तुत:, लोगों को रेलवे ट्रेक पार करते वक्त सावधान रहना चाहिए, इसका कोई विकल्प नहीं है। हम ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकते, जो फुल-प्रूफ हो।”

रेलवे के प्रवक्ता वेदप्रकाश ने आईएएनएस से कहा, “गोरखपुर से 100 किलोमीटर दूर क्रासिंग के पास सिवान-गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन द्वारा वैन को कुचलने से बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई।”

रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, “सिवान से गोरखपुर जा रही ट्रेन रूकने से पहले स्कूल वैन को घसीटते हुए करीब 100 मीटर तक आगे ले गई।”
रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह मानवरहित क्रासिंग था जहां गेट मित्र की नियुक्ति की गई थी।

पूर्वोत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि घटना के वक्त वैन में 25 लोग सवार थे जिसमें अधिकतर 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयुष गोयल ने घटना पर गहरा शोक जताया है। रेलवे मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख की सहायता राशि, गंभीर रूप से घायलों के लिए 1 लाख और मामूली रूप से घायलों के लिए 50,000 रुपये की घोषणा की है।

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान में कहा, “मैं कुशीनगर के मानवरहित क्रासिंग पर स्कूली बच्चों के मारे जाने की घटना से काफी पीड़ा में हूं। मेरी संवेदना मृतकों के परिजनों के साथ है और मैं घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” गोयल ने कहा कि उन्होंने घटना के संबंध में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

रेल मंत्री ने कहा, “हम भविष्य में ऐसे किसी भी संभावित घटना को टालने के हरसंभव प्रयास के लिए प्रतिबद्ध हैं।” सुबह हुए दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताते हुए प्रशासन को राहत व बचाव कार्य में जुटने का निर्देश दिया है।

योगी ने घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल में घायल बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने गोरखपुर के विभागीय कमिश्नर को घटना की जांच करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने मृतकों और घायल बच्चों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात करने के बाद कहा, “मुझे बताया गया कि वाहन चलाते वक्त चालक ने कान में ईयरफोन लगाया हुआ था। यह पूरी तरह से लापरवाही का मामला है।” उन्होंने कहा, “एक जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच के आधार पर, दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।” योगी ने यह भी कहा कि उन्होंने घटना के संबंध में तत्काल मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा, “13 छात्रों की मौत हो गई, जबकि चार छात्र और वाहन चालक गंभीर रूप से घायल है। इनलोगों को गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए एक जांच बिठाई गई है। मैंने इस संबंध में रेल मंत्री से मानवरहित रेलवे क्रासिंग में लोगों की तैनाती को लेकर भी बात की है।”

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