WPI Inflation India: भारत की थोक महंगाई दर जुलाई में 13.93% तक हुई कम

Pragya mishra

WPI Inflation India: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) जून में बढ़कर 15.18 प्रतिशत हो गया था और मई में यह बढ़कर 16.63 प्रतिशत हो गया, जैसा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है।

WPI Inflation India: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में भारत की थोक मुद्रास्फीति घटकर 13.93 प्रतिशत हो गई।आंकड़ों से पता चलता है कि जून के महीने में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) बढ़कर 15.18 प्रतिशत हो गया था, जबकि मई के लिए WPI को संशोधित कर 16.63 प्रतिशत कर दिया गया था। जुलाई 2021 में WPI 11.57 फीसदी पर था।थोक मंहगाई दर के आंकड़ों में ढील के बावजूद, WPI अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार 16वें महिने दोहरे अंकों में बना हुआ है।

वाणिज्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि “जुलाई, 2022 में मुद्रास्फीति मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं, बिजली, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण रही। आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में खाद्य पदार्थ 10.77 प्रतिशत तक कम हो गया। इससे पहले के महीने में यह 14.39 फीसदी था। महीने-दर-महीने गिरावट को सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि सब्जियों की कीमतें जुलाई में घटकर 18.25 फीसदी हो गई, जो जून में 56.75 फीसदी थी। आलू के दाम 53.50 फीसदी चढ़े जबकि प्याज (-) 25.93 फीसदी फिसले। फलों की कीमतों में पिछले महीने जून में 20.33 प्रतिशत से 29.44 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दूध की कीमतें एक महीने पहले के 6.35 प्रतिशत से घटकर 5.45 प्रतिशत हो गईं। अनाज की कीमतें जुलाई में बढ़कर 9.76 फीसदी हो गई, जो एक महीने पहले 7.99 फीसदी थी, जबकि गेहूं पिछले महीने 13.61 फीसदी बढ़ी थी, जो जून में 10.34 फीसदी थी।

हालांकि ईंधन और बिजली खंड में पिछले महीने जून में 40.38 प्रतिशत से 43.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पेट्रोल की कीमत एक महीने पहले 57.82 फीसदी से घटकर 55.30 फीसदी हो गई, जबकि एचएसडी (हाई-स्पीड डीजल) 54.93 फीसदी से 72.41 फीसदी चढ़ गया। एलपीजी की कीमतें 53.20 प्रतिशत से घटकर 32.00 प्रतिशत हो गईं।वहीं विनिर्मित उत्पाद खंड जुलाई में घटकर 8.16 फीसदी पर आ गया, जो एक महीने पहले 9.19 फीसदी था।

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